र्सिंग
नर्सिंग घोटाला
भोपाल। सीबीआई निरीक्षक द्वारा फर्जीवाडे और घोटाले की खबर ने प्रदेशवासियों को हिला कर रख दिया है, क्योंकि यह एक ऐसी संस्था है जिसकी जांच पर हर एक नागरिक भरोसा करता है, लेकिन अब सीबीआई अफसर ही घोटालों के सरगना निकल रहे हैं, ऐसे में आम आदमी की मुश्किल यह है कि वह किस पर भरोसा करे। प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटाले का मास्टरमाइंड राहुल राज के मामले में हर दिन नया खुलासा हो रहा है और प्रदेशवासी एक नई सनसनीखेज खबर से रूबरू होते जा रहे हैं। अब नई खबर के मुताबिक नर्सिंग कॉलेज घोटाला में बर्खास्त सीबीआई निरीक्षक राहुल राज के तार व्यापंम महाघोटाले से भी जुडे पाये गए हैं। नर्सिंग घोटाला मामले का मास्टरमाइंड राहुल की भूमिका सिर्फ यहां तक सीमित नहीं है बल्कि सीबीआई के सीनियर अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि राहुल राज को व्यापमं महाघोटाले से जुड़े कई अहम केस की जांच भी सौंपी गई थी। सीबीआई बर्खास्त अधिकारी राहुल राज आठ साल से भोपाल में पदस्थ था। राहुल ने सीबीआई में बतौर उप निरीक्षक के पद पर भर्ती हुए थे और उसके बाद वह यहीं पर पदोन्नत होकर निरीक्षक बने। अधिकारियों ने बताया कि सबसे व्यापमं फर्जीवाड़े की जांच में भी राहुल राज लिप्त था। वहीं, नर्सिंग कॉलेज रिश्वतकांड में उनका मुख्य किरदार था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दो मुख्य दलालों के जरिए पूरे प्रदेश के नर्सिंग कालेजों का रिश्वत लेने-देने के लिए नेटवर्क बन गया था।
सीबीआई ने रिश्वत लेते रंगे हाथ किया था गिरफ्तार
सीबीआई निरीक्षक के पद पर नियुक्त राहुल राज का 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें तुरंत बर्खास्त कर दिया गया। राहुल राज को हटाने के लिए सीबीआई मुख्यालय मे संविधान के अनुच्छेद 311 की शक्तियों का उपयोग किया था। मई में सीबीआई को 15 से 16 लाख रुपये लेन-देन के कई मामलों की सुचना मिली थी, इससे साफ कि रिश्वत कांड का खेल कम से कम तीन महीने से चलाया जा रहा था। बुधवार को नर्सिंग घोटाला मामले में गिरफ्तार सीबीआई से अटैच मध्यप्रदेश पुलिस के निरीक्षक सुशील कुमार मजोका को भी निलंबित कर दिया गया था। सीबीआई के सहयोग के लिए नवंबर 2023 में मजोका को अटैच किया गया था। वहीं, एमपी पुलिस से सीबीआई में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ निरीक्षक ऋषीकांत असाटी की सेवाएं भी वापस राज्य सरकार को कर दी है। लगभग सात वर्ष से वह सीबीआई में अपनी सेवाएंदे रहे थे। असाटी को विशेष सशस्त्र बल से सीबीआई में प्रतिनियुक्त किया गया था। राहुल राज के साथ ही असाटी भी नर्सिंग कॉलेजों की जांच में शामिल थे। सीबीआई की ओर से दायर की गई एफआईआर में असाटी चौथे नंबर के आरोपी हैं, लेकिन अभी तक इस मामले में उनको हिरासत में नहीं लिया गया है। जबकि एफआईआर में पहले नंबर के आरोपी बनाए गए सीबीआई के डीएसपी आशीष प्रसाद का भी इस मामले के बाद तुरंत तबादला कर दिया गया है, हालांकि इस मामले में उनकी गिरफ्तारी नहीं होने के कारण उन्हें निलंबित नहीं किया गया है।
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राहुल को मिला था गृहमंत्री अवार्ड
कहा जा रहा है कि राहुल राज का अधिकारियों पर काफी गहरा प्रभाव था। यहीं कारण है कि उन्हें आसानी से गृहमंत्री अवॉर्ड मिल गया। वहीं, अधिकारियों को इस बात के भी साक्ष भी मिल चुके हैं कि राहुल राज ने ही दूसरे अधिकारियों को रिश्वत लेने में शामिल किया था। सीबीआई के डीएसपी आशीष प्रसाद, रिषिकांत असाठे और सुशील मजोका को भी प्रलोभन देकर गुमराह करने का श्रेय राहुल राज को ही जाता है। हालांकि अब राहुल का खेल पूरी तरह से खत्म हो चुका है और वह जिस कानून का डर दिखाकर लोगों से पैसे एंठता था वह खुद उसी कानून के शिकंजे में है।
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