भोपाल । राजधानी में धनतेसर पर संपत्ति की मात्र 59 रजिस्ट्रियां हुई। ऐसा पहली बार हुआ जब धनतेरस पर इतनी कम संख्या में रजिस्ट्रियां हुई। इन रजिस्ट्रियों से कुल 45 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसके पूर्व इनकी संख्या 250 से 300 तक पहुंच जाती थी और दो से तीन करोड़ का राजस्व प्राप्त होता था। धनतेरस जैसे शुभ मौके पर लोग जमीन, मकान, दुकान की जमकर खरीदी करते हैं। कम रजिस्ट्री होने की एक वजह अवकाश के दिन कार्यालय खोलने का पंजीयन विभाग के कर्मचारियों द्वारा विरोध करना और खुलने की लोगों को जानकारी नहीं होना बताया जा रहा है। वहीं कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए सर्विस प्रोवाइडर्स ने रजिस्ट्री के स्लाट ही बुक नहीं करवाए थे। हालांकि धनतेरस से एक दिन पूर्व शुक्रवार को 281 रजिस्ट्री हुई थी। शनिवार को धनतेरस पर सुबह 10 बजे से कार्यालय तो खोल लिए गए, लेकिन दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। सुबह से दोपहर तक परि बाजार और आईएसबीटी स्थित कार्यालय में कोई भी रजिस्ट्री कराने नहीं पहुंचा। हालात यह रहे कि सौ लोग भी रजिस्ट्री कराने नहीं पहुंचे। यह आंकड़ा पिछले चार दिनों के मुकाबले कम है। जबकि पिछले साल धनतेरस पर 369 प्रापर्टी की रजिस्ट्री की गईं थी। बताया जा रहा है कि पहले कर्मचारियों ने विरोध किया, लेकिन बाद में शनिवार को कार्यालय खोलने को लेकर सहमति बन गई थी। विभाग को भरोसा भी था कि रिकार्ड रजिस्ट्री होंगी, लेकिन लोगों को यह स्पष्ट नहीं हो सका कि आखिर कार्यालय खुलेंगे या नहीं। इसी वजह से अवकाश के दिन कार्यालय तो खुले लेकिन सुबह से ही सन्नाटा देखने को मिला। बीच-बीच में लोग आ रहे थे, लेकिन इनकी संख्या काफी कम थी। इसमें वो भी शामिल थे, जो बाहर से रजिस्ट्री कराने के लिए भोपाल आए हुए थे। धनतेरस पर आईएसबीटी और परी बाजार स्थित पंजीयन कार्यालय खोले गए। यहां पर 10 सब रजिस्ट्रार 60-60 रजिस्ट्री के स्लाट रखे गए थे। इस दौरान दफ्तर भी देर शाम तक खुले रहे। दीपावली पर्व से पहले ही चार दिनों में लगभग 1305 रजिस्ट्री हुईं हैं। इस तरह लगभग 400 करोड़ से अधिक के सौदे हुए हैं। मंगलवार को 280, बुधवार को 360, गुरुवार को 384, शुक्रवार को 281 और शनिवार को सिर्फ 59 रजिस्ट्री हुई हैं। वहीं पंजीयन कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि शुभ मुहुर्त के चलते लोग प्रापर्टी की खरीदारी कर रहे हें। मालूम हो कि पिछले साल धनतेरस पर 369 रजिस्ट्रियां हुईं थी। पिछले चार दिन में 1305 रजिस्ट्रियां हुईं। धनतेरस पर सिर्फ 59 रजिस्ट्रियां हुईं। धनतेरस पर 45 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ ।
राजधानी में धनतेरस पर हुई मात्र 59 रजिस्ट्रियां
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