भोपाल । सागर के गुमशुदा मान सिंह पटेल मामले में एसआईटी गठित कर दी गई है। इसका नेतृत्व भोपाल देहात के आईजी अभय सिंह करेगे। इसके साथ ही सदस्य के रूप में सीहोर एसपी मयंक अवस्थी और पीएचक्यू के अधिकारि अनुराग सुजानिया शामिल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को इस मामले में जांच के लिए एक नई एसआईटी गठित करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि यह टीम आईजी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में होनी चाहिए और इसमें सीनियर आईपीएस अधिकारियों को भी शामिल किया जाए।
यह है मामला
सागर के ओबीसी नेता मान सिंह पटेल साल 2016 में अचानक लापता हो गए थे। उनके बेटे सीताराम पटेल ने आरोप लगाया कि उनके पिता की गुमशुदगी के पीछे कांग्रेस के तत्कालीन विधायक और वर्तमान में भाजपा सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उनके सहयोगियों का हाथ है। सीताराम का दावा है कि उनके पिता उस वक्त लापता हुए जब उन्होंने गोविंद सिंह के खिलाफ उनकी पुश्तैनी जमीन पर अवैध कब्जा करने की शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में पुलिस ने केवल गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की पूर्व SIT जांच को महज दिखावा करार दिया और कहा कि नई SIT का गठन कर इसमें वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि "लापता व्यक्ति के संबंध में संदेह को संतोषजनक ढंग से दूर किया जाना चाहिए, ताकि उन लोगों के हित भी सुरक्षित रहें, जिनके खिलाफ आरोप लगाए गए हैं।
शिकायतों पर नहीं की कोई कार्यवाही
मान सिंह पटेल के बेटे सीताराम पटेल ने इस मामले में ओबीसी महासभा का समर्थन प्राप्त किया और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। उनका आरोप है कि उनके पिता को चुप कराने और उनकी संपत्ति पर कब्जा करने के लिए गायब किया गया था। सीताराम ने यह भी आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन और सीएम हेल्पलाइन से बार-बार शिकायत करने के बावजूद पुलिस ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।