वंदे भारत ट्रेन में आग: भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन जाने वाली वंदे भारत ट्रेन में आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। सोमवार सुबह 5:40 वंदे भारत ट्रेन रानी कमलापति स्टेशन से रवाना हुई थी। वंदे भारत बीना रेलवे स्टेशन से पहले कुरवाई कैथोरा स्टेशन के बीच थी, तभी सी-14 कोच में एक तरफ धुंआ उठता दिखा। लोको पायलट ने कुरवाई कैथोरा स्टेशन पर लेजाकर वंदे भारत ट्रेन को रोका।
आग लगने की सूचना स्टेशन में तैनात रेलवे कर्मचारियों को दी गई। इसके बाद रेलवे स्टेशन पर मौजूद रेलवे स्टॉफ और ग्रामीणों ने आग बुझाने का प्रयास किया। आग लगने की सूचना के बाद सी-14 सहित पूरे वंदे भारत ट्रेन के यात्रियों में हड़कंप मच गया। हालांकि भारी अफरा-तफरी के बीच सभी यात्रियों को कोच से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। सी-14 में आग लगने के समय 36 यात्री सवार थे। आग की घटना सुबह सात बजे के बाद की है। किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। आग लगने के बाद कोच में धुआं भरने से थोड़ी देर के लिए सांस लेने की समस्या जरूर कुछ यात्रियों को हुई है। चंद मिनट में ही आग पर काबू पा लिया गया है। अब रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंच रहे हैं।
कोच के बैट्री बॉक्स में आग, कई वीआईपी थे सवार
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मौके पर आला अधिकारी भी पहुंच रहे हैं। आग किन परिस्थितियों में लगी, इसकी पड़ताल की जाएगी। सी-14 कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों ने बताया कि धुआं निकलने के बाद देखा गया तो कोच के नीचे लगे बैट्री बॉक्स में आग लगी हुई थी। भोपाल से दिल्ली जाने वाली इस वंदे भारत ट्रेन में भोपाल के कलेक्टर रहे आईएएस अधिकारी अविनाश लवानिया, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सहित कई वीआईपी भी सवार थे। हादसे के बाद पूरी वंदे भारत को खाली करा लिया गया है। बताया जाता है कि जांच के बाद आग लगने वाले कोच को अलग कर वंदे भारत ट्रेन को दिल्ली के लिए रवाना किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने दिखाई थी हरी झंडी
गौरतलब है कि देशभर में चलने वाली दो दर्जन वंदे भारत ट्रेनों में तीन मध्यप्रदेश से चल रही हैं। प्रदेश की पहली वंदे भारत ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल महीने में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
वंदे भारत ट्रेन में आग की पहली घटना
जानकारी के अनुसार वंदे भारत ट्रेन को हाई स्पीड और सेमी हाईस्पीड में चलाने के लिए इंजन का कवर फाइवर व अन्य पदार्थों से मिलाकर बनाया गया है, जिस कारण कई वंदे भारत ट्रेनों में जंगल और पालतू जानवरों के टकराने की घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन किसी वंदेभारत ट्रेन के कोच में आग लगने की यह पहली घटना है।