बीकानेर में मशहूर गायक रफीक सागर का आज हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। संगीत प्रेमियों के दिलों में अपनी खास पहचान बनाने वाले रफीक सागर न केवल बीकानेर बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध थे। उनकी आवाज का जादू भजनों और सूफी संगीत में साफ झलकता था।
उनके भजन 'सपने में सखी देखो नंद गोपाल' ने उन्हें खासा लोकप्रियता दिलाई। रफीक सागर के पुत्र राजा हसन भी संगीत की दुनिया का एक जाना-माना नाम हैं और उन्होंने अपने पिता की संगीत विरासत को बखूबी आगे बढ़ाया। पिता और पुत्र की इस जोड़ी ने संगीत के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई थी।
रफीक सागर ने अपने जीवन में सूफी और भक्ति संगीत के जरिए लाखों दिलों को छुआ। उनके गाए गीतों और भजनों ने न केवल धार्मिक संगठनों बल्कि आम लोगों के बीच भी अपनी गहरी छाप छोड़ी।
उनका निधन संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति है।उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी और उनके प्रशंसक इकट्ठा हुए। रफीक सागर को हमेशा उनके अद्वितीय गायन और संगीत के प्रति समर्पण के लिए याद किया जाएगा।