भोपाल। कूनो नेशनल पार्क में चीता प्रोजेक्ट के दो साल में कुछ चीतों की मौत और शावकों के जन्म के बाद लिंगानुपात को लेकर अच्छी सूचना मिली है। यहां नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाकर 10 मादा व 10 नर चीता बसाए गए थे। इनमें से पांच नर और तीन मादा चीता की मौत से नर चीतों की संख्या घट गई थी। यहां जन्म लेने वाले 17 शावकों में से 12 जीवित हैं। आठ के लिंग की पहचान हो गई है। इसमें पांच नर और तीन मादा हैं। चार चीता शावकों की उम्र करीब छह माह होने से उनके लिंग को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।
जानकारी के अनुसार, छह से आठ माह की उम्र के बाद शावकों की शारीरिक बनावट और गतिविधि के बाद ही लिंग के बारे में स्पष्ट पता चल पाता है। जन्म से 18 माह तक वह शावक, 18 से 24 माह तक किशोरावस्था में रहता है। नर चीता मादा की तुलना में थोड़ा बड़ा होता है और उनका सिर भी बड़ा होता है। कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ थिरुकुराल आर. के अनुसार चीता शावकों को पकडक़र लिंग देखा जाना संभव नहीं रहता। मॉनिटरिंग टीम भी उनके बहुत करीब नहीं जाती। ऐसे में उनका लिंग स्पष्ट करने में देरी होती है। टीम उनके स्वस्थ रहने के लक्षणों पर अधिक ध्यान देती है।
कूनो में चीतों में नर और मादा का अनुपात बराबर
RELATED ARTICLES
Contact Us
Owner Name: