Sunday, May 12, 2024
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मध्यप्रदेश HC का बड़ा फैसला : IIMC के DG रहे MCU के रीडर संजय द्विवेदी की नियुक्ति रद्द, नियमों की अनदेखी का आरोप

भोपाल। IIMC के पूर्व डीजी और माखन लाल चतुर्वेदी के मौजूदा रीडर संजय द्विवेदी की नियुक्ति को नियम विरुद्ध पाते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। इसके अलावा प्रोफेसर पवित्र श्रीवास्तव की नियुक्ति भी अदालत ने रद्द कर दी है। दोनों की नियुक्ति 2009 में हुई थी। हाईकोर्ट ने पाया कि नियुक्ति प्रक्रिया में चयन समिति के गठन के मानदंडों का विश्वविद्यालय के अधिनियम के अनुसार पालन नहीं किया गया था। जनसंचार और जनसंपर्क एवं विज्ञापन विभाग के प्रमुख को चयन समिति / साक्षात्कार पैनल में शामिल नहीं किया गया था, जो अनिवार्य था। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने यह अहम आदेश सुनाया है।

बड़े पदों पर रह चुके है द्विवेदी

बता दें कि, संजय द्विवेदी देश के प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मॉस कम्युनिकेशन (आईआईएमसी) दिल्ली के डायरेक्टर जनरल (डीजी) भी रह चुके हैं। इससे पहले वह एमसीयू (माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी) में प्रभारी कुलपति और रजिस्ट्रार भी रहे है। वहीं श्रीवास्तव भी एमसीयू में अहम पदों पर रहे। वर्तमान में वे डिपार्टमेंट ऑफ एडवरटाइजमेंट एंड पब्लिक रिलेशन्स के एचओडी हैं। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने विवि को डिपार्टमेंट ऑफ जर्नलिज्म एण्ड मास कम्युनिकेशन में रीडर के पद पर भर्ती के लिए नए सिरे से विज्ञापन जारी कर इंटरव्यू कंडक्ट करने का निर्देश दे दिया है।

2015 में दायर हुई थी याचिका

डॉ. प्रोफेसर आशुतोष मिश्रा ने वर्ष 2015 में याचिका दायर कर इनकी नियुक्ति को चुनौती दी थी। उन्होंने दलील दी कि विश्वविद्यालय ने 11 अप्रैल, 2008 को विभिन्न विभागों में भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। मगर माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय अधिनियम 1990 की धारा 33(2)(डी) का पालन नहीं किया गया। चयन समिति में संबंधित विभाग के विभागाध्यक्षों को शामिल करना अनिवार्य था, इसके बाद हाई कोर्ट ने नियुक्तियों को अवैधानिक पाते हुए निरस्त कर दिया।

बड़े पत्रकारों में गिने जाते रहे है संजय द्विवेदी

बता दें कि, संजय द्विवेदी बड़े और वरिष्ठ पत्रकारों में गिने जाते रहे है। वे अविभाजित मध्यप्रदेश में कई मीडिया संस्थानों में रहते हुए कई अहम पद संभाल चुके है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई बड़े पत्रकार और मौजूदा संपादक उन्हें अपना गुरु मानते है। 

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