Desi jugaad : भारत वाले देसी जुगाड़ बनाने में कमाल के हैं. कुछ ऐसा ही एक वीडियो इस वक्त इंटरनेट पर खूब धूम मचा रहा है. भारत में देसी तरीके से कुछ लोग जुगाड़ लगाकर अपना काम निकाल लेते हैं और लोग देखते ही रह जाते हैं. सोशल मीडिया पर आये दिन काफी सारे जुगाड़ के वीडियो वायरल होते रहते है। जिसमे कई सारे वीडियो देख अपनी आँखों पर यकीन नहीं होता है। हमारा भारत देश कृषि प्रधान देश है और भारत में ज्यादातर लोग किसान हैं। जब बात किसानों की हो और हम जुगाड़ की बात न करें ऐसा हो ही नहीं सकता है। भारतीय किसान इतने टैलेंटेड हैं कि कूड़े को भी सोना में बदल सकते हैं। यकीन नहीं हो इस वीडियो को ही देखिए. एक किसान ने जुगाड़ भिड़ाकर ऐसा यूनिक वाटर पंप बनाया कि देखकर लोग मोहित हो गए. इसे बनाने का प्रॉसेस पूछने लगे. कई लोगों ने तो इसे ग्रेट आइडिया तक बता दिया.
IRS Sugrive Meena ने अपने ट्विटर अकाउंट से इस वीडियो को शेयर किया है. कैप्शन में उन्होंने लिखा, 10 हार्स पॉवर वाला पंप बिना बिजली के चालू होते हुए. आप देख सकते हैं कि जमीन में एक नल लगा हुआ है, जो कि वाटर पंप के उस हिस्से जुड़ा है, जिससे पानी बाहर आता है. किसान ने इसे ऊपर लगे सेटअप में बैटरी समेत कुछ चीजें जोड़ी हैं, ताकि ऊर्जा मिलती रहे.वहां एक बोर्ड भी रखा नजर आ रहा, जिसमें छोटे-छोटे बल्ब लगे हैं. जैसे ही किसान व्हील को घुमाता है मशीन से पानी निकलने लगता है. बेहद कम लागत पर इससे पानी प्राप्त किया जा सकता है.
खेती में सिंचाई की लागत काफी ज्यादा
किसानी करना आज के जमाने में काफी मुश्किल काम है. बीज खाद से लेकर मजदूरी तक महंगाई इतनी ज्यादा है कि किसानों को कुछ बचता ही नहीं. रही सही कसर डीजल की कीमतों ने पूरी कर दी है. हर सीजन में खेत को कम से कम तीन पानी देना होता है. अगर नहीं दिया तो फसल चौपट होना समझो. ऐसे में इस तरह के उपकरण अगर सफल हो जाएं तो किसानों की काफी मदद कर सकते हैं.
बिल्कुल फ्री वाला जुगाड़
2 मिनट 20 सेकंड का यह वीडियो 2 दिन पहले शेयर किया गया था. अब तक इसे 1500 लाइक्स मिले हैं. कई लोगों ने कमेंट भी किया. एक यूजर ने लिखा, ये जुगाड़ तो बहुत ही बढ़िया है बिल्कुल फ्री वाला जुगाड़. दूसरे ने कमेंट किया, इसकी पूरी प्रॉसेस मिल जाए और पता चल जाए कि यह प्रयोग सफल है तो किसान की बल्ले बल्ले. हालांकि, कई लोगों ने इस पर सवाल भी उठाए. एक ने लिखा, मैं खुद एक इलेक्ट्रिशियन हूं. मेरे दोस्त ने खुद 50 हजार खर्चा करके प्रयोग किया था, लेकिन विफल रहा.