Saturday, July 27, 2024
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आस्ट्रेलिया संसद के इतिहास में पहली बार किसी ने गीता पर हाथ रखकर ली शपथ

आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंगे ने एक्स पर पोस्ट किया है कि पश्चिमी आस्ट्रेलिया से हमारे नये सीनेटर वरुण घोष का स्वागत है।सीनेटर वरुण घोष आस्ट्रेलिया के ऐसे पहले सीनेटर हैैं जिन्होंने भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ ली है। मैंने अक्सर कहा है, जब आप कोई काम सबसे पहले करते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि उसे करने वाले आप आखिरी न हों। उन्होंने कहा, मैं जानती हूं कि सीनेटर घोष अपने समुदाय और पश्चिम आस्ट्रेलियाई लोगों के लिए एक मजबूत आवाज होंगे। लेबर सीनेट टीम में आपका होना अद्भुत है।आपको बता दें कि आस्ट्रेलियाई संसद का बुधवार का दिन एक ऐतिहासिक दिन बन गया जब भारतीय मूल के बैरिस्टर वरुण घोष ने भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ ली।

कहा जा रहा है कि वह आस्ट्रेलिया संसद में भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ लेने वाले पहले संसद सदस्य हैैं। वरुण पश्चिमी आस्ट्रेलिया से प्रतिनिधित्व करते हैैं। आस्ट्रेलिया में विधानसभा और विधान परिषद ने उनको संघीय संसद सीनेट में पश्चिमी आस्ट्रेलिया राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिये चुना गया है और बुधवार को उन्होंने भगवत गीता पर हाथ रखकर शपथ ली।
दूसरी आस्ट्रेलिया प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने वरुण घोष का स्वागत करते हुये एक्स पर पोस्ट किया है कि आपका टीम में रहना एक अच्छी बात है और आपका स्वागत है। वरुण घोष आस्ट्रेलिया के पर्थ शहर में रहते हैैं। वह पेशे से एक वकील हैैं। उन्होंने आर्ट्स एवं ला की पढ़ाई की है।

वरुण घोष इससे पहले विश्व बैैंक में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैैं। न्यूयार्क में भी वह फाइनेंस अटार्नी रह चुके हैैं। उन्होंने लेबर पार्टी से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरूआत की थी।
घोष की राजनीतिक यात्रा तब शुरू हुई जब वह 1980 के दशक में उनके माता-पिता भारत से ऑस्ट्रेलिया आए थे। वरुण तब 17 साल के थे। 1985 में जन्मे घोष 1997 में पर्थ चले गए और क्राइस्ट चर्च ग्रामर स्कूल में पढ़ाई की। विदेशों में पढ़े के बाद वह 2015 में ऑस्ट्रेलिया लौटे थे और किंग एंड वुड मैलेसन्स के साथ काम करते हुए बैंकों, रिसोर्स कंपनियों और कंस्ट्रक्शन कंपनियों के लिए कानूनी मामले संभाल रहे थे। इसके बाद वह पर्थ में ऑस्ट्रेलिया की लेबर पार्टी में शामिल हो गए। 2019 के संघीय चुनाव में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलियाई लेबर पार्टी के सीनेट टिकट पर पांचवें स्थान पर रहने के बावजूद घोष निर्वाचित नहीं हुए।

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