दिल्ली: दिल्ली में यह अब तक की सबसे दिलचस्प राजनीतिक घटनाक्रम है. दरअसल, जिस BJP विधायक रविंद्र सिंह नेगी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक रूप से तीन बार पैर छुआ था, उन्हें दिल्ली की नई कैबिनेट में जगह नहीं मिली. यह सवाल अब दिल्ली और राष्ट्रीय राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है.
नेगी का राजनीतिक सफर और पीएम मोदी का इशारा
दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान BJP नेता रविंद्र सिंह नेगी ने जब प्रचार अभियान तेज किया था, तब पीएम मोदी ने एक चुनावी सभा में मंच पर उनका पैर छूकर सबको चौंका दिया था. इसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के प्रति सम्मान की परंपरा से जोड़कर देखा गया. लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे BJP की एक रणनीतिक चाल बताया. नेगी गढ़वाल क्षेत्र से आते हैं और दिल्ली में उत्तराखंड मूल के लोगों के बीच उनकी गहरी पैठ है. माना जा रहा था कि मोदी का यह इशारा उनकी भविष्य की राजनीतिक भूमिका को लेकर था.
कैबिनेट में जगह क्यों नहीं मिली?
रेखा गुप्ता की कैबिनेट में मंत्रियों का चयन जब हुआ, तो उसमें BJP के कई नए चेहरों को मौका दिया गया, लेकिन नेगी को इसमें शामिल नहीं किया गया। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भले ही नेगी को अभी मंत्री पद न मिला हो, लेकिन BJP उनकी उपेक्षा नहीं कर सकती. वे उत्तराखंड मूल के मतदाताओं के बीच एक मजबूत नेता हैं और अगले चुनावों में BJP इस वोट बैंक को अपने पक्ष में बनाए रखना चाहेगी. संभावना है कि नेगी को संगठन में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाए या केंद्र सरकार में उन्हें किसी भूमिका के लिए तैयार किया जाए.
क्या यह नेगी के लिए राजनीतिक झटका है?
नेगी के समर्थकों में इस फैसले को लेकर नाराजगी जरूर है, लेकिन BJP में निर्णय हमेशा संगठन के व्यापक हित को ध्यान में रखकर किए जाते हैं. अगर उन्हें संगठन में कोई नई जिम्मेदारी मिलती है. तो यह संकेत होगा कि पार्टी उन्हें दीर्घकालिक राजनीति के लिए तैयार कर रही है.