इंदौर: इंदौर नगर निगम के निलंबित राजस्व अधिकारी राजेश परमार के घर समेत तीन ठिकानों पर ईओडब्ल्यू की टीम ने छापा मारा है. शुक्रवार सुबह से ही उनके बंगले पर दस्तावेजों की जांच की जा रही है। ईओडब्ल्यू की टीम के साथ घर के बाहर पुलिस बल तैनात है. ईओडब्ल्यू एसपी आरएस यादव के मुताबिक परमार से जुड़े तीन ठिकानों पर तलाशी चल रही है। शुक्रवार सुबह (ईओडब्ल्यू) की टीम इंदौर के आवास कॉलोनी पहुंची तो हड़कंप मच गया। आय से अधिक संपत्ति के मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने नगर निगम के निलंबित राजस्व अधिकारी राजेश परमार के घर और उनसे जुड़े तीन ठिकानों पर छापा मारा है। तीनों ही ठिकानों पर दो दर्जन से ज्यादा अफसरों की टीम कार्रवाई कर रही है। यह कार्रवाई बिजलपुर और कनाड़िया में चल रही है। आवास कॉलोनी स्थित उनके बंगले के बाहर भी पुलिस बल तैनात है। किसी को भी घर के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है, वहीं घर में मौजूद सदस्यों को भी बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है।
बेलदार से राजस्व अधिकारी तक का सफर
ईओडब्ल्यू से मिली जानकारी के अनुसार राजेश परमार ने बेलदार के रूप में अपना करियर शुरू किया और बाद में सहायक राजस्व अधिकारी के पद पर पदोन्नत हुए। हाल ही में उन्हें वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में निलंबित किया गया था। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उनके पास करोड़ों रुपए की संपत्ति है, जो उनकी आय और करियर के हिसाब से उपयुक्त नहीं है। प्रारंभिक तौर पर चार मकानों की जानकारी मिली है, जिनमें से दो पर कार्रवाई चल रही है। राजेश ने करीब 25 लाख रुपए में एक मकान खरीदा था और बाद में उस पर आलीशान इमारत बनवाई थी।
एक मकान में माता-पिता, दूसरे में पूर्व पत्नी
एसपी आरएस यादव के अनुसार राजेश के एक मकान में माता-पिता रहते हैं, जबकि दूसरे मकान में पूर्व पत्नी रहती है। फिलहाल उनकी संपत्तियों और वित्तीय लेन-देन की गहन जांच की जा रही है और आने वाले समय में और भी संपत्तियों का खुलासा होने की आशंका है।
राजेश परमार दो बार निलंबित
राजेश परमार को संपत्ति कर निर्धारण में अनियमितताओं के कारण 10 फरवरी को निलंबित किया गया था। जोन 16 में एआरओ रहते हुए परमार ने संपत्तिकर निर्धारण में अनियमितताएं कर कम टैक्स लिया था और इसका खुलासा तब हुआ जब नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने राजस्व वसूली की समीक्षा की थी। परमार की अनियमितताएं पकड़ में आते ही नगर निगम आयुक्त वर्मा ने उन्हें निलंबित कर ट्रेंचिंग ग्राउंड भेज दिया था। साथ ही विभागीय जांच भी शुरू कर दी थी। जो फिलहाल चल रही है। बताया जा रहा है कि परमार इससे पहले भी एक बार निलंबित हो चुके हैं, जब उन्होंने तत्कालीन अपर आयुक्त एसके चैतन्य के खिलाफ नारेबाजी की थी। जोन-8 में एआरओ रहते हुए उन्होंने चैतन्य के खिलाफ नारेबाजी की थी।
इंदौर नगर निगम जोन क्रमांक 8 में एआरओ रहते हुए राजेश परमार ने नए खाते खुलवाए और पैसे जमा कर नगर निगम को करोड़ों रुपए का चूना लगाया। वह बिना अनुमति पांच बार विदेश यात्रा भी कर चुके हैं। कांग्रेस पार्षद रुबीना इकबाल खान ने भी महापौर, नगर निगम आयुक्त, राजस्व समिति प्रभारी समेत कई अधिकारियों से परमार की शिकायत की थी। बताया जा रहा है कि राजेश परमार मूल रूप से सब इंस्पेक्टर हैं, लेकिन जोड़-तोड़ कर वह प्रभारी एआरओ के पद तक पहुंच गए। जोन क्रमांक 19 में पदस्थ रहते हुए परमार पर फीस वसूली में अनियमितता का भी आरोप लगा था।