बिहार के औरंगाबाद में एक अज्ञात शव को दफनाने के बाद उसकी पहचान हुई. मृतक के बेटे ने संबंधित थाने में जाकर अपने पिता की शिनाख्त की और उसके शव को कब्र से बाहर निकलवाया. पुलिस ने शव के कब्र से निकाले जाने के बाद मृतक के परिवार को सौंप दिया है. बेटे ने बताया कि कुछ दिनों से पिता लापता थे. उन्हें खोजने की बहुत की कोशिश, लेकिन वह कहीं नहीं मिले थे. इसके बाद बेटे को बीते दिन एक लावारिस लाश के दफनाने की सूचना मिली थी. औरंगाबाद के फेसर थाने की पुलिस को कुछ दिनों पहले एक बुजुर्ग की लाश मिली थी. पुलिस ने शव के पहचान की बहुत कोशिश की, लेकिन उन्हें उसके बारे में कोई भी नहीं मिली. जिसके बाद फेसर थाने की पुलिस ने जम्होर थाना क्षेत्र के रामपुर गांव स्थित अदरी नदी के किनारे 28 फरवरी लावारिस को दफनाया था. पुलिस को शव के पास ऐसे कोई भी जानकारी नहीं मिली थी जिससे उसकी या फिर उसके परिजनों की जानकारी हो सके.
कई दिन से लापता थे पिता
इसके बाद एक गया जिले के मलपा पंचायत के पूर्व मुखिया संजय पासवान फेसर थाने पहुंचा और वह कहने लगा कि मेरे पिता कई दिनों से लापता है मुझे पिछले दिनों दफनाए गए लावारिस शव की फोटो देखनी है. पुलिस ने संजय को फोटो दिखाई तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. संजय ने बताया कि यह मेरे पिता है. इनका नाम शिव पासवान है. पिता कई दिनों से लापता थे. लापता होने के बाद से ही उनकी तलाश बिहार, बंगाल और झारखंड राज्य के साथ-साथ कई जगह की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला.
पुलिस ने परिजन का सौंपा शव
पुलिस ने फेसर थाने क्षेत्र में मिले शव को जम्होर थाने क्षेत्र में दफना दिया था. इस बात को लेकर जम्होर थाने क्षेत्र के लोगों के लोगों का काफी विरोध कर रहे थे. उन्होंने इस दौरान पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की थी. मुझे फेसर थाने के द्वारा अश्रात शव के दफनाने की सूचना मिली थी. जिसके बाद में यह पहुंचा. बेटे ने इस दौरान फेसर और जम्होर थाने की पुलिस के साथ कर्मा भगवान पंचायत के मुखिया, पंचायत समिति सदस्य सुनील पासवान, समाजसेवी विमलेश सिंह सहित रामपुर के सभी गांववालों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया है. फेसर थानाध्यक्ष वर्षा कुमारी ने बताया कि लावारिस शव की पहचान होने के बाद शव को परिजन को सौंप दिया गया है. मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.