आज की तारीख में डिजिटल पेमेंट की मदद से शॉपिंग से लेकर बिल पेमेंट तक सब आसान हो गया है. लेकिन इसी के सहारे स्कैमर्स और चोर-उच्चकों ने फ्रॉड करने के नए-नए तरीके इजाद कर लिए हैं. एक सर्वे के मुताबिक आज देश में बैंक के ज्यादातर ग्राहक फ्रॉड का शिकार हैं. लोगों को हजारों से लाखों और करोड़ों रुपये का नुकसान इन डिजिटल स्कैम और फ्रॉड में हो रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या लोगों को ये पैसा कभी वापस भी मिलेगा?
अमेरिका की एक ग्लोबल एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर कंपनी FICO ने इसे लेकर एक डिटेल्ड सर्वे किया है. इसमें लोगों ने बैंकिंग फ्रॉड से जुड़ी अपनी समस्याओं और सरकार एवं बैंकों से क्या उम्मीद है. उसके बारे में डिटेल्ड जानकारी दी है.
मिलना चाहिए पैसा वापस
सर्वे में खुलासा हुआ है कि देश में हर तीन में दो बैंक ग्राहकों का मानना है कि बैंक धोखाधड़ी के शिकार लोगों का पैसा वापस मिलना चाहिए. आधे से अधिक ग्राहक चाहते हैं कि बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन ग्राहकों की सुरक्षा के लिए बेहतर सिस्टम लगाएं. सॉफ्टवेयर से लेकर जागरुकता तक के लेवल पर ग्राहकों की हाई सिक्योरिटी उनकी प्रायोरिटी हो.
एफआईसीओ का ये सर्वे 2024 में किया गया था. इसमें भारत समेत 14 देशों के 11,000 से ज्यादा बैंक कस्टमर्स से पेमेंट सिस्टम के यूज, स्कैम और बैंकों की स्कैम से बचने की हैसियत के बारे में सवाल किया गया था. इसके जवाब में उन्होंने बताया कि बैंकों को फ्रॉड का शिकार हुए लोगों का पैसा वापस करना चाहिए.
बैंक ही है स्कैम के जिम्मेदार
एफआईसीओ के सर्वे के मुताबिक एक-तिहाई से अधिक (करीब 37 प्रतिशत) ग्राहक उनके साथ होने वोल स्कैम और फ्रॉड के लिए बैंकों को ही जिम्मेदार ठहराते हैं. 2024 फ्रॉड इम्पैक्ट सर्वे: इंडिया से पता चलता है कि तीन में से दो भारतीय ग्राहक (66 प्रतिशत) सोचते हैं कि बैंकों को हमेशा फ्रॉड के पीड़ितों को उनका पैसा वापस करना चाहिए या मुआवजा देना चाहिए. सर्वे में आधे से अधिक ग्राहकों ने कहा कि बैंकों को धोखाधड़ी का पता लगाने और इस संबंध में अधिक चेतावनी जारी करने के इंतजाम करने चाहिए.