पंजाब के अमृतसर में मंदिर के बाहर ब्लास्ट मामले में एक संदिग्ध पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया है. इस मामले में दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि पंजाब की शांति भंग करने का प्रयास करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. नशे और गैंग्स्टरों के खिलाफ पंजाब ने जंग छेड़ी हुई है. इससे राष्ट्र विरोधी ताकतें और पाकिस्तानी समर्थक बौखलाए हुए हैं. वो पंजाब में माहौल खराब करना चाहते है, पंजाब की जनता ये बिल्कुल नहीं होने देगी.
मुठभेड़ को लेकर पंजाब पुलिस के मुखिया ने एक पोस्ट में कहा, खुफिया इनपुट पर कार्रवाई करते हुए कमिश्नरेट पुलिस अमृतसर ने 15 मार्च 2025 को ठाकुरद्वार मंदिर अमृतसर पर हुए हमले के लिए जिम्मेदारों का पता लगाया. विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत पीएस छेहरटा में एफआईआर दर्ज की गई और आरोपियों की पहचान हुई.
आरोपियों ने की फायरिंग
उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों ने राजासांसी में संदिग्धों को ट्रैक किया. इस दौरान आरोपियों ने गोलियां चला दीं, जिससे एचसी गुरप्रीत सिंह और इंस्पेक्टर घायल हो गए. आत्मरक्षा में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिससे आरोपी घायल हो गया. उसेहें सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया. अन्य आरोपी फरार हो गए. उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं.
पुलिस स्टेशन एयरपोर्ट में एक नई एफआईआर दर्ज की जा रही है. पंजाब पुलिस राज्य में शांति एवं सौहार्द बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. इससे पहले अमृतसर के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया था कि मोटरसाइकिल सवार संदिग्धों को जब पुलिस टीम ने रुकने के लिए कहा तो उन्होंने पुलिस पर गोलियां चला दीं. एक गोली हेड कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह के बाएं हाथ में लगी. जबकि एक गोली इंस्पेक्टर अमोलक सिंह की पगड़ी में लगी.
पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की
उन्होंने बताया कि आरोपियों ने पुलिस टीम पर पांच राउंड फायरिंग की. इसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की. इसमें गुरसिदक सिंह घायल हो गया और बाद में उसने दम तोड़ दिया. जबकि विशाल भाग गया. उसको पकड़ने के प्रयास जारी हैं. गुरसिदक सिंह छीनाझपटी के दो मामलों में शामिल था. हाल ही में वो जेल से रिहा हुआ था. विशाल पर हत्या की कोशिश का मामला दर्ज है.