Sunday, April 20, 2025
Homeराज्‍यअन्‍य राज्‍यसदियों के संघर्ष का प्रतीक बना राम मंदिर, नागर शैली में हुई...

सदियों के संघर्ष का प्रतीक बना राम मंदिर, नागर शैली में हुई शानदार निर्मिति

धार्मिक नगरी अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण 1200 करोड़ रुपये की लागत से 56 महीनों में पूरा हुआ है. नागर शैली में निर्मित यह भव्य मंदिर 4.5 लाख क्यूबिक लाल पत्थरों से बना है. यह सदियों पुराने संघर्ष और आस्था का प्रतीक है. मंदिर की स्थापत्य कला अद्भुत है, जिसमें वैदिक परंपराओं का समावेश है. इसका निर्माण भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है.

राम मंदिर तकनीक व स्थापत्य कला का अद्भुत संगम है. सदियों के संघर्ष, आस्था और इंतजार के बाद राम नगरी में श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण अब पूर्ण हो चुका है. लेकिन, अभी मंदिर परिसर में निर्माण कार्य जारी है. यह भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय है. राम जन्मभूमि विवाद वर्षों तक अदालतों में चला. 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर के हक में फैसला आया और उसके बाद भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हुआ.

नागर शैली में मंदिर का निर्माण
पत्थरों की नक्काशी, शिल्पकला और वैदिक परंपराओं का समावेश करते हुए मंदिर का निर्माण वास्तुकला का अद्भुत उदाहरणं बन गया है. नागर शैली में निर्मित यह मंदिर 380 फीट लंबा, 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा है. तीन मंजिला इस मंदिर में कुल 392 स्तंभ हैं, जो प्राचीन भारतीय शिल्पकला की गौरवगाथा कहते हैं. मंदिर की नींव 50 फीट गहरी पत्थरों की चट्टान पर बनी है. मंदिर एक हजार साल तक प्राक्रतिक आपदा से सुरक्षित रहेगा.

रामजन्मभूमि की मुक्ति के लिए हुए 76 युद्ध
राम मंदिर को लेकर संघर्ष 1528 में तब से चल रहा था, जब कहा जाता है कि बाबर के सेनापति मीर बाकी ने मंदिर को तोड़कर मस्जिद बना दी थी. वर्ष 1949 तक हिंदुओं ने इस स्थल की मुक्ति के लिए 76 युद्ध लड़े. इनमें कई लोग मारे गए, जिस लड़ाई के बाद मंदिर निर्माण की शुरुआत हुई, उसकी पूरी पटकथा 22-23 दिसंबर, 1949 को लिखी गई, जब विवादित परिसर में रामलला का प्राकट्य हुआ. संघर्ष तो इसके बाद भी हुए और 1990 में सुरक्षा बलों की गोलियों से कारसेवकों की मौत और छह दिसंबर, 1992 को ढांचा ध्वंस जैसी घटनाएं भी घटीं. लेकिन, सफलता 1949 में लिखी गई संघर्ष की पटकथा को ही मिली.

राम मंदिर निर्माण के प्रमुख पड़ाव

  • 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर के हक में फैसला
  • 25 मार्च 2020 की सुबह टेंट से अस्थायी मंदिर में विराजे रामलला .
  • पांच अगस्त 2020 को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों भूमि पूजन
  • 22 जनवरी 2024 को भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
  • 14 अप्रैल 2025 को मुख्य शिखर पर कलश की स्थापना
RELATED ARTICLES

Contact Us

Owner Name:

Deepak Birla

Mobile No: 9200444449
Email Id: pradeshlive@gmail.com
Address: Flat No.611, Gharonda Hights, Gopal Nagar, Khajuri Road Bhopal

Most Popular

Recent Comments

Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group