झारखंड सरकार में पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू इस समय चर्चा में हैं. उनकी चर्चा उनके एक बयान की वजह से हो रही है. इसमें उन्होंने कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले को लेकर हिमाचल के सीएम का इस्तीफा मांग लिया है. उनके इस बयान पर झारखंड की राजनीति के अलावा सोशल मीडिया में घमासान मचा है. उनके बयान का वीडियो इस समय सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है. उनके इस बयान पर झारखंड बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता ने तो चुटकी लेते हुए भूगोल और इतिहास पढ़ने की नसीहत दी है.
सुदिव्य कुमार सोनू इस समय झारखंड सरकार में नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री हैं. इसके अलावा उनके पास उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, पर्यटन, कला एवं संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग की भी जिम्मेदारी है. वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के बैनरतले गिरिडीह विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. वह पहली बार साल 2019 में चुनाव जीते थे. वहीं दूसरी बार साल 2024 में उन्हें जीत मिली है.
सीएम सोरेन के खास है सुदिव्य कुमार सोनू
उन्हें अपनी पार्टी में कद्दावर नेता माना जाता है. इसके अलावा पार्टी सुप्रीमो दिशोम गुरू शिबू सोरेन के करीबी माने जाते हैं. वह झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के करीबियों में शामिल हैं. सुदिव्य कुमार सोनू ने साल 1989 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के झंडे तले राजनीति शुरू की थी. साल 2003 में उन्हें पार्टी का जिला अध्यक्ष बनाया गया और साल 2009 में उन्हें पहली बार गिरिडीह विधानसभा सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया था. साल 2019 के चुनाव तक वह लगातार चुनाव हारते रहे.
पहली बार बने कैबिनेट मंत्री
हालांकि पहली बार उन्होंने साल 2019 के चुनाव में जीत का स्वाद चखा. वहीं 2024 में विजय के बाद पहली बार उन्हें सरकार में कैबिनेट मंत्री का स्थान मिला है. सीएम हेमंत सोरेन के करीबी होने की वजह से ही उन्हें नगर विकास एवं आवास विभाग जैसे मलाईदार मंत्रालय के अलावा उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, पर्यटन, कला एवं संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी मिली है.
बीजेपी ने ली चुटकी, दी ये सलाह
हालांकि वह इस बयान को लेकर पहली बार व्यापक स्तर पर चर्चा में आए हैं. कुछ लोग कह रहे हैं कि मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू केंद्र सरकार पर तंज कस रहे हैं. वहीं झारखंड बीजेपी के नेता उनके ज्ञान पर तरस खा रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि वह उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के अलावा पर्यटन विभाग के मंत्री भी हैं. इसलिए उन्हें कम से कम इतना तो पता ही होना चाहिए कि पहलगाम हिमाचल प्रदेश में नहीं, बल्कि कश्मीर है. इसके लिए उन्हें पहले देश का भूगोल और इतिहास तो पढ़ ही लेना चाहिए.