रांची। झारखंड पुलिस राज्य के फरार अपराधियों व उनपर दर्ज कांडों का डेटाबेस तैयार कर रही है। इन फरार अपराधियों पर उनपर दर्ज कांडों के आधार पर दो लाख रुपये से लेकर 30 लाख रुपये तक के इनाम की घोषणा की जानी है।
सभी जिलों में इससे संबंधित सूची तैयारी होनी है। सूची में शामिल फरार अपराधियों की धर-पकड़ के लिए झारखंड पुलिस आम जनता से सहयोग लेगी।
आठ मई को ही राज्य कैबिनेट की बैठक में इसपर स्वीकृति मिली थी। इसके बाद गृह विभाग ने इससे संबंधित संकल्प भी जारी किया था। गृह विभाग से जारी संकल्प के आधार पर ही अपराधियों के डेटाबेस को अद्यतन किया जा रहा है।
सभी बदमाशों की कुंडली खंगाल रही पुलिस
पुलिस के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार इनाम की सूची में संगठित अपराध में शामिल फरार अपराधियों को प्रमुखता मिलेगी।
ये वहीं अपराधी हैं, जिन्होंने लेवी-रंगदारी के लिए राज्य के कोयला कारोबारियों, जमीन कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों, ठेकेदारों, रियल इस्टेट कारोबारियों का सुख-चैन छीन रखा है।
जिन्हें इनाम की सूची में शामिल करने की तैयारी है, उनमें सुजीत सिन्हा गैंग, मारे गए अमन साहू के गैंग के अपराधी, विकास तिवारी गिरोह, अमन श्रीवास्तव गिरोह, अमन सिंह गिरोह से जुड़े फरार अपराधी शामिल हैं। पुलिस इनकी कुंडली खंगाल रही है।
अपराधियों के लिए इनाम की राशि होगी घोषित
राज्य में अधिकतम 400 फरार माओवादियों, उग्रवादियों या अपराधियों के लिए इनाम की राशि की घोषणा होनी है।
जारी संकल्प के अनुसार एसपी एक लाख रुपये तक के पुरस्कार की घोषणा कर सकते हैं। डीआइजी को एक लाख से ऊपर व पांच लाख रुपये तक के इनाम की घोषणा की शक्ति दी गई है।
डीजी को पांच लाख से अधिक व दस लाख रुपये तक के इनाम की घोषणा की शक्ति दी गई है। राज्य के गृह मंत्री के पास दस लाख से 20 लाख रुपये तक के इनाम की घोषणा की शक्ति दी गई है।
वहीं, 20 लाख से 30 लाख रुपये तक के इनाम की घोषणा की शक्ति मुख्यमंत्री के पास रहेगी। फरार अपराधियों की सूचना देने वालों के नाम गुप्त रखे जाएंगे।
पुरस्कार की राशि की वैधता दो वर्षों के लिए होगी। अपराधियों के नहीं पकड़े जाने की स्थिति में इनाम की राशि में संशोधन होगा।