‘हम मरे हुए को क्यों मारेंगे…’ उद्धव ठाकरे की आलोचना करते-करते शिंदे ने एक्टर डिनो मोरिया का क्यों लिया नाम?

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मुंबई: डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए उनकी टिप्पणी पर करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि, महाराष्ट्र ने पहले ही चुनाव में 'आओ मुझे मारो' कहने वालों को हरा दिया है. उन्होंने कहा, 'हम मरे हुए को क्यों मारेंगे'. साथ ही उन्होंने मीठी नदी से गाद निकालने से जुड़े घोटाले को लेकर ठाकरे की आलोचना की.

दरअसल, शिवसेना के 59वें स्थापना दिवस के अवसर पर उद्धव ठाकरे ने अपनी विपक्षी पार्टी को 'आओ मुझे मार डालो' की चुनौती दी थी. साथ ही उन्होंने सत्तारूढ़ दल की कड़ी आलोचना की. बता दें कि, शिवसेना के 59वें स्थापना दिवस के अवसर पर गुरुवार को मुंबई में दो कार्यक्रम आयोजित किए गए. यूबीटी का शिवसेना स्थापना दिवस 2025 समारोह षणमुखानंद हॉल में आयोजित किया गया.

एकनाथ शिंदे ने वर्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे पर तंज कसा. शिंदे ने सवाल किया, "पहलगाम हमले के बाद मैं महाराष्ट्र में मराठी बहनों से मिलने गया था. जब मैंने उन्हें सांत्वना दी तो आप कहां थे… क्या आप छुट्टी पर थे. उन्होंने फिर आगे कहा, अगर बालासाहेब होते तो ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार की खुलकर तारीफ करते लेकिन ये लोग आरोप लगाने के अलावा कुछ नहीं करते.

शिंदे ने ठाकरे पर तंज कसते हुए आगे कहा, आप सेना की कार्रवाई का हिसाब कैसे मांग सकते हैं. अपनी ही सेना पर शक करना देशद्रोह से कम नहीं है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की ओर से अलग-अलग देशों में भेजे गए प्रतिनिधिमंडलों में मिलिंद देवड़ा और श्रीकांत शिंदे भी शामिल थे. यह महाराष्ट्र के लिए सम्मान की बात है.

आगे बोलते हुए एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर पैसे लेने का आरोप लगाया. डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने सवाल करते हुए आगे कहा कि, बालासाहेब के बाद शिवसेना ने मराठी लोगों के लिए क्या किया. उनको मराठी लोगों को इसका हिसाब देना चाहिए.

शिंदे ने आगे कहा कि, उन्होंने (उद्धव ठाकरे) 20 साल नगर निगम सरकार में बिताए और सिर्फ खिचड़ी में पैसे खाए, कोविड में पैसे खाए, कचरे में पैसे खाए, टरमैक में पैसे खाए और इस तरह के काम किए और उन्होंने मुंबई में बुनियादी ढांचे को बर्बाद कर दिया.

मीठी नदी से गाद निकालने से जुड़ा घोटाला
शिंदे ने कहा कि, उन्हें (उद्धव ठाकरे) लगता है कि मुंबई नगर निगम सिर्फ सोने के अंडे देने वाली मुर्गी है और उनका जीवन बीएमसी के खजाने में है. शिंदे ने आरोप लगाया कि, मुंबई में सभी कामों में पैसे खाने की आदी यूबीटी ने मीठी नदी की गाद में भी पैसे खाए हैं.

शिंदे ने ठाकरे पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि, वे कितने पैसे खाते हैं. क्या इससे उनका पेट नहीं भरता. उन्होंने यह भी तंज कसा कि अब आप (उद्धव ठाकरे) मीठी नदी के मगरमच्छ की पकड़ से नहीं बच पाएंगे. उन्होंने कहा कि, अगर डिनो मोरिया अपना मुंह खोलते हैं, तो देखिए कितने लोग 'मोर्या' बनेंगे."

मुंबई में बुनियादी ढांचे के बारे में बोलते हुए, शिंदे ने कहा, "यूबीटी ने मुंबई मेट्रो को रोक दिया लेकिन हमने कोस्टल रोड, अटल सेतु और कार शेड परियोजनाओं को शुरू किया है. मुंबई की सड़कें दो चरणों में कंक्रीट की होंगी. उन्होंने कहा कि, अगले दो सालों में पूरी मुंबई गड्ढों से मुक्त हो जाएगी. शिंदे ने यह भी कहा कि, केंद्र सरकार की मदद से कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं. उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि मुंबई के पास वधावन पोर्ट और एयरपोर्ट का काम जल्द ही पूरा हो जाएगा.

क्या है मामला?
फिल्म अभिनेता डिनो मोरिया मीठी नदी से गाद निकालने से जुड़े 65 करोड़ रुपये के कथित घोटाले से संबंधित धन शोधन जांच के सिलसिले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए बृहस्पतिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए थे.

ईडी का मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा मई में दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है. इस प्राथमिकी में ठेकेदारों और निगम अधिकारियों सहित 13 लोगों के खिलाफ मीठी नदी की गाद निकालने के लिए 2017-2023 तक दिए गए ठेकों में 65.54 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के लिए मामला दर्ज किया गया था.

मीठी नदी मुंबई से होकर बहती है और महानगर के लिए बरसात में जल निकास का काम करती है. बीएमसी पर 1997 से 2022 तक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली अविभाजित शिवसेना का नियंत्रण था. 2022 में निगम परिषद के भंग होने के बाद, बीएमसी पर राज्य सरकार का नियंत्रण था जिसका नेतृत्व उस समय एकनाथ शिंदे कर रहे थे.

पुलिस ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि बीएमसी अधिकारियों ने गाद निकालने के ठेके के लिए निविदा को इस तरह से तैयार किया कि इससे मशीनरी के एक विशेष आपूर्तिकर्ता को लाभ हुआ और ठेकेदारों ने कथित तौर पर मुंबई से गाद को बाहर ले जाने के लिए फर्जी बिल बनाए. मोरिया (49) और उनके भाई से पिछले महीने भी इस मामले में मुंबई पुलिस की ईओडब्ल्यू ने पूछताछ की थी.

समझा जाता है कि मोरिया बंधुओं से पुलिस ने कथित बिचौलिए केतन कदम के साथ उनके कथित संबंधों के बारे में पूछताछ की, जिसे मामले में एक अन्य आरोपी जय जोशी के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा सैंटिनो से जुड़ी एक कंपनी में किए गए कुछ वित्तीय लेन-देन के बारे में भी पूछताछ की गई थी.