‘DSP की पाठशाला’ से 170 बच्चे बने अधिकारी, वर्दी वाला ये टीचर युवाओं को दे रहा नया भविष्य

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झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) ने शुक्रवार को सिविल सेवा परीक्षा- 2023 का अंतिम परिणाम घोषित किया. परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद पास हुए अभ्यर्थियों से ज्यादा एक DSP की चर्चा हो रही है. इस DSP का नाम विकास चंद्र श्रीवास्तव है. विकास एक तेज तर्रार पुलिस अधिकारी होने के साथ-साथ अपनी ‘डीएसपी की पाठशाला’ भी चलाते हैं. अब तक इस पाठशाला से करीब 170 बच्चे झारखंड में अफसर बन चुके हैं. इस वजह से विकास चंद्र श्रीवास्तव की चर्चा न केवल झारखंड में हो रही बल्कि पूरे देश में हो रही है.

दरअसल, JPSC द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा-2023 का परिणाम 25 जुलाई को जारी किया गया, जिसमें कुल 342 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए. सफल 342 में से 140 अभ्यर्थी केवल DSP विकास चंद्र श्रीवास्तव के द्वारा संचालित ‘डीएसपी की पाठशाला’ से मार्गदर्शन लेकर सफल हुए हैं. वर्ष 2013 बैच के झारखंड पुलिस सेवा के अधिकारी विकास चंद्र श्रीवास्तव मूल रूप से हजारीबाग जिले के रहने वाले हैं. उनके पिता स्वर्गीय अविनाश चंद्र श्रीवास्तव एक शिक्षक थे, जबकि उनकी मां आशा लता श्रीवास्तव गृहिणी हैं. डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव दो भाई और दो बहन हैं.

‘डीएसपी की पाठशाला’ नाम का यूट्यूब चैनल

कोविड काल के दौरान विकास चंद्र श्रीवास्तव ने ‘डीएसपी की पाठशाला’ नाम से एक यूट्यूब पर चैनल बनाया था. वर्तमान में इस चैनल पर 1,46,000 सब्सक्राइबर हैं. वहीं 800 से ज्यादा सिविल सेवा और अन्य कंपटीशन से जुड़े स्टडी मटेरियल के वीडियो विकास चंद्र श्रीवास्तव के द्वारा अपलोड किए गए हैं, जिसका लाभ लेकर अब तक 170 से ज्यादा बच्चे झारखंड में प्रशासनिक और पुलिस सेवा के अधिकारी बन गए हैं.

वर्तमान में DSP विकास चंद्र श्रीवास्तव रांची के होटवार खेल गांव स्थित अनुसंधान प्रशिक्षण विद्यालय में तैनात हैं. अपनी व्यस्ततम नौकरी को निष्ठापूर्वक निर्वहन करने के बाद शाम के वक्त वह समय निकालकर ऑनलाइन बच्चों को पढ़ाते हैं. देर रात तक ऑनलाइन उनकी ‘डीएसपी की पाठशाला’ चलती है, जिसमें मॉक इंटरव्यू से लेकर पीटी और मेंस परीक्षा की तैयारी से संबंधित मार्गदर्शन बच्चों को मिलता है.

शिक्षक के परिवार में जन्म

DSP विकास चंद्र श्रीवास्तव का जन्म एक शिक्षक के परिवार में हुआ. उनके पिता जी टीचर थे. ऐसे में उनका शिक्षा के प्रति लगाव रहा है. शुरू से ही वह बच्चों को पढ़ाने का काम करते थे. पुलिस सेवा में आने के बाद भी कुछ वक्त निकाल कर वह बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं. लॉकडाउन के वक्त उनके द्वारा बच्चों को सिविल सर्विसेज की तैयारी करवाने के लिए ‘डीएसपी की पाठशाला’ नामक चैनल यूट्यूब पर बनाया गया. आज उनकी इस पाठशाला के 1,46,000 सब्सक्राइबर हैं. 

पूर्व शिक्षा मंत्री ने DSP विकास चंद्र को सम्मानित किया

पूर्व में शिक्षा के प्रति योगदान के लिए झारखंड सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री स्वर्गीय जगन्नाथ महतो के द्वारा विकास को सम्मानित भी किया जा चुका है. झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा 7वीं से 10वीं सिविल सेवा के लिए आयोजित परीक्षा के दौरान उनकी पाठशाला से 32 उम्मीदवार सफल हुए थे, जबकि सिविल सेवा परीक्षा- 2023 में उनकी पाठशाला से 140 बच्चे सफल होकर अधिकारी बन गए हैं. DSP विकास चंद्र श्रीवास्तव अपने द्वारा किए जा रहे कार्यों के लिए अपने पिता अविनाश चंद्र श्रीवास्तव को प्रेरणा स्रोत मानते हैं.