नक्सलमुक्त और उग्रवादमुक्त झारखंड बनाने की दिशा में प्रदेश की पुलिस लगातार काम कर रही है. लगातार झारखंड के विभिन्न उग्रवाद और नक्सलवाद से ग्रसित क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया जा रहा है. इसी क्रम में आज झारखंड के गुमला जिले के अंतर्गत घाघरा थाना क्षेत्र के लावा दाग जंगल में सर्च अभियान चलाया गया.
इस दौरान सुरक्षा बलों की प्रतिबंधित संगठन झारखंड जन्म मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के नक्सलियों साथ मुठभेड़ हो गई. सुरक्षा बलों की टीम को देख जेजेएमपी के नक्सलियों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी. सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई के दौरान मुठभेड़ में जेजेएमपी के कुख्यात सब जोनल कमांडर दिलीप लोहरा समेत तीन नकस्ली ढेर हो गए हैं.
गुमला जिले के एसपी को मिली थी गुप्त सूचना
इसके साथ ही मारे गए नक्सलियों के पास से सुरक्षा बलों की टीम ने एक ऐके-47 , दो इंसास राइफलों के साथ-साथ बड़ी मात्रा में गोलियां सहित अन्य सामग्री बरामद की है. दरअसल, गुमला जिले के एसपी हरीश बिन जमा को गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि जेजेएमपी का सब जोनल कमांडर दिलीप लोहरा अपने संगठन के दस्ते के साथ गुमला जिले के घाघरा क्षेत्र के जंगलों में घूम रहा है.
इसी सूचना के बाद जिले की घाघरा, बिशनपुर और गुमला थाना पुलिस के साथ-साथ झारखंड जगुआर के जवानों के द्वारा संयुक्त ऑपरेशन चलाया गया. अभियान के दौरान सुरक्षा बलों की घाघरा थाना क्षेत्र के लावा दाग जंगल में जेजेएमपी के नक्सलियों साथ भीषण मुठभेड़ हो गई. इस मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों की टीम ने जेजेएमपी के सब जोनल कमांडर दिलीप लोहरा समेत तीन नक्सलियों को मार गिराया.
10 दिन पहले बोकारो में हुई थी मुठभेड़
बता दें कि गुमला जिले की इस मुठभेड़ से महज 10 दिन पहले 16 जुलाई को झारखंड के बोकारो के गोमिया के जागेश्वर विहार थाना अंतर्गत बिरहोरडेरा के जंगल में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में 5 लाख के इनामी कुख्यात नक्सली कुंवर मांझी समेत दो नक्सली ढेर हुए थे. इस मुठभेड़ के दौरान सीआरपीएफ कोबरा 209 बटालियन के जवान परनेश्वर कोच शहीद हो गए थे.