उज्जैन: लीना वर्मा की डायरी इन दिनों चर्चा में है। वह उज्जैन के धन्नालाल की चाल में रहती थीं। किडनी की बीमारी से पीड़ित थीं। कुछ महीने पहले हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई थी। डायरी में उन्होंने उन तमाम लोगों को धन्यवाद दिया है, जिन्हें वो या तो जानती थीं या फिर वो देश के विकास के लिए काम कर रहे हैं।
किडनी की बीमारी से थीं पीड़ित
सामान्य परिवार की लीना वर्मा के द्वारा लिखी गई एक डायरी के कारण इन दिनों इसलिए याद किया जा रहा है कि क्योंकि लीना वर्मा को वर्ष 2012 में किडनी सिंक होने की जानकारी लगी थी। मजबूत हौसले के कारण उन्होंने कभी अपने ऊपर बीमारी को हावी नहीं होने दिया। वर्ष 2023 में जब लीना की तबीयत बिगड़ी और उसका डायलिसिस शुरू हुआ, तब भी वह बिल्कुल भी नहीं घबराई और परिवार के लोगों के साथ हंसी खुशी से रहती रही।
अप्रैल 2025 में हार्ट अटैक से मौत
वहीं, 22 अप्रैल 2025 को कार्डियक अरेस्ट के कारण लीना की मौत हो गई। बताया जाता है कि लीना बाबा महाकाल की अनन्य भक्त थी। यही कारण है कि जिस समय उनकी मौत हुई, उस समय उनके हाथों में बाबा महाकाल का फोटो था और वह ॐ नमः शिवाय का जाप कर रही थी।
इन सभी का दिया धन्यवाद
लीना के पति संजय वर्मा ने बताया कि दो दिनों पहले हमें साफ सफाई के दौरान एक डायरी हाथ लगी है, जिसमें लीना लोगों को नया जीवन देने वाले डॉक्टर, मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं, खेत में हल चलाकर फसल उगाने वाले किसानों, देश की सीमा पर खड़े सैनिक भाइयों, प्रतिदिन सुबह घर-घर अखबार पहुंचने वाले हॉकर, बच्चों को शिक्षित करने वाले शिक्षकों के साथ ही हर उस व्यक्ति का धन्यवाद दिया है, जिसे लीना जानती थी।
बेटे ने बनाई मां की पेंटिंग
वहीं, संजय वर्मा ने बताया कि मेरे दो बेटे हैं पार्थ और रुद्राक्ष। जिनका लीना काफी ध्यान रखती थी। पार्थ ने अपनी मां की याद में कई पेंटिंग बनाई है। अब यह डायरी ओर पेंटिंग ही मां की याद का सहारा है।