इतिहास के सबसे लंबे चक्काजाम की तैयारी में कांग्रेस, सरकार को 8 दिन का अल्टीमेटम

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भोपाल: मध्य प्रदेश में बाढ़ पर सियासी बवाल छिड़ गया है. साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिरा दिया था, वो अपने कुछ समर्थित विधायकों को लेकर भाजपा में शामिल हो गए थे. तभी से सिंधिया, कांग्रेस के सबसे बड़े दुश्मन बन गए हैं. कांग्रेस, सिंधिया को घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक अल्टीमेटम दिया है और कहा है कि अगर 8 दिन के अंदर गुना के बाढ़ प्रभावित इलाकों में मुआवजा देने के साथ राहत कार्य नहीं हुए तो कांग्रेस गुना में इतिहास का सबसे बड़ा चक्काजाम करेगी.

'32 साल बाद आई ऐसी बाढ़'

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि "गुना और अशोकनगर में 32 साल बाद आई ऐसी भीषण बरसात के बाद भी भाजपा सरकार ने राहत और बचाव कार्यों में गंभीरता नहीं दिखाई. जिन कॉलोनियों में पहली मंजिल तक पानी भर गया था, वहां प्रशासन और जनप्रतिनिधि नजर नहीं आए." पटवारी ने सीएम मोहन यादव और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाढ़ प्रभावित इलाकों में किए गए दौरे को औपचारिकता बताया. उन्होंने कहा कि "कई परिवारों को अब तक राहत सामग्री नहीं मिली है. निचले इलाकों में बचाव कार्य भी देरी से शुरू हुआ जिसकी वजह से लोग बाढ़ में फंसे रहे."

जीतू पटवारी ने विशेष पैकेज की मांग की

जीतू पटवारी ने मांग की है कि 24 घंटे के भीतर हर एक बाढ़ प्रभावित परिवार को तात्कालिक सहायता दी जाए. विशेष पैकेज की घोषणा की जाए, जिसमें बाढ़ से जो मकान टूटे हैं उनकी मरम्मत हो और जो धराशाई हुए है उनका पुनर्निर्माण किया जाए. जिन परिवारों में सदस्य घायल हैं या उनकी संपत्ति नष्ट हो गई है उनके स्वास्थ्य और पुनर्वास के लिए काम किया जाए. जिला प्रशासन भोजन राहत सामग्री बिना देरी किए पहुंचाए."

गुना में चक्काजाम करने की पटवारी की चेतावनी

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि "अगर 8 दिन के अंदर बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य नहीं किए गए तो कांग्रेस चक्काजाम करेगी." पटवारी ने कहा, "दिए हुए 8 दिन में गुना के बाढ़ प्रभावित लोगों की जिंदगी पटरी पर नहीं लौटी तो गुना में इतिहास का सबसे लंबा चक्का जाम होगा."

केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना है कि बाढ़ के कारण जो फसलें तबाह हुई हैं, उनके नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के स्पष्ट निर्देश हैं कि मूंगफली, मक्का समेत जिन भी फसलों का नुकसान हुआ है. उनका सर्वे जल्द से जल्द कराकर मुआवजे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.