1800 करोड़ की लागत से मध्य प्रदेश में लगेगी बड़ी फैक्ट्री, हजारों युवाओं को मिलेगा रोजगार

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भोपाल/रायसेन: मध्य प्रदेश में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड(BHEL) जैसा एक और कारखाना खुलने वाला है. यह कारखाना राजधानी के पड़ोसी जिले रायसेन में खुलेगा. केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को इसका भूमिपूजन करेंगे. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि भारत अर्थ मूवर्स परियोजना द्वारा रायसेन जिले के ग्राम उमरिया में 60 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर 1800 करोड़ रुपये की लागत से रेल कोच इकाई की बड़ी सौगात मिलने जा रही है.

5 हजार से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार

इस ब्रह्मा परियोजना (बीईएमएल रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग) से राजधानी भोपाल सहित रायसेन, सीहोर और विदिशा आदि जिलों को लाभ होगा. इन जिलों के तकनीकी संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे. इस परियोजना में 5 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा.

इस उद्योग से भारत की विदेशी निर्भरता होगी कम

ब्राह्मा’ संयंत्र पूरी तरह ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के उद्देश्यों के अनुरूप कार्य करेगा. संयंत्र में उपयोग होने वाली अधिकांश तकनीक और सामग्री देश में विकसित व निर्मित की जाएगी, जिससे विदेशी निर्भरता कम होगी. यह परियोजना प्रदेश को रक्षा निर्माण के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी.

हरित मानको के अनुरूप विकसित होगा कारखाना

इस संयंत्र के निर्माण में पर्यावरणीय मानकों का विशेष ध्यान रखा जाएगा. यहां शून्य तरल अपशिष्ट प्रणाली, सौर एवं नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग, वर्षा जल संचयन और हरित लैंडस्केपिंग को अपनाया जाएगा. निर्माण में रीसाइकिल्ड और टिकाऊ सामग्री का प्रयोग करते हुए इसे हरित फैक्ट्री मानकों के अनुरूप विकसित किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर प्रदेश को रेल कोच इकाई की बड़ी सौगात प्राप्त हो रही है. परियोजना का भूमि-पूजन केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 10 अगस्त को औबेदुल्लागंज के दशहरा मैदान में करेंगे. इस अवसर पर बीईएमएल (भारत अर्थ मूवर्स लि) परियोजना पर केन्द्रित लघु फिल्म, प्रस्तावित प्लांट का 3डी वॉक थ्रू और नए संयंत्रों के मॉडल प्रदर्शित किए जाएंगे.

हाईस्पीड रेल और मेट्रो की प्रतिस्पर्धा में एमपी होगा शामिल

परियोजना का प्रारंभिक उत्पादन क्षमता 125 से 200 कोच प्रतिवर्ष होगी, जिसे पांच वर्षों में बढ़ाकर 1,100 कोच प्रतिवर्ष किया जाएगा. इस यूनिट के संचालन से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों रोजगार सृजित होंगे, जिससे प्रदेश के युवाओं को अपने ही राज्य में उच्च स्तरीय औद्योगिक रोजगार उपलब्ध होंगे. साथ ही, यहां विकसित होने वाली तकनीकी क्षमताएं प्रदेश को हाई-स्पीड रेल और मेट्रो निर्माण के वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाएंगी.

 

इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ केन्द्रीय कृषि तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान, रक्षा उत्पाद सचिव संजीव कुमार, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार, भारत अर्थ मूवर्स परियोजना के अध्यक्ष शांतनु राय उपस्थित रहेंगे.