रूसी-यूक्रेन संघर्ष के बीच अमेरिका से सुरक्षा गारंटी का ऑफर मिलने पर जेलेंस्की खुश

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वॉशिंगटन। बीते रोज अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी समेत तमाम यूरोपीय सहयोगियों के साथ वीडियो कॉल के जरिए मीटिंग हुई। इस बैठक को प्रोडक्टिव बताते हुए यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि सभी पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि राज्य की सीमाओं को बलपूर्वक नहीं बदला जाना चाहिए। इसके साथ ही यूक्रेनी राष्ट्रपति ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के प्रमुख मुद्दों को अमेरिका की मध्यस्थता में सुलझाने की बात भी दोहराई। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की द्वारा यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ द्वारा सुरक्षा गारंटी का संकेत दिया है।
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा, हमारे संयुक्त प्रयास के परिणामस्वरूप सुरक्षा गारंटी बहुत जरूरी है, लेकिन इसे व्यवहारिक होना चाहिए। इसे यूरोप के साझे प्रयास के परिणाम स्वरूप बनाया जाना चाहिए और इसके जरिए जमीन, हवा और समुद्र में सुरक्षा मिलनी चाहिए। रूस और यूक्रेन संघर्ष में पिछले तीन दिनों में बड़े परिवर्तन हुए हैं। हालांकि अभी तक धरातल पर कुछ भी बड़ा बदलाव नहीं है। इसी बीच पुतिन और ट्रंप की बैठक के बाद अमेरिका की तरफ से यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने की पेशकश की गई है। अपने अमेरिकी समकक्ष से मुलाकात करने का इंतजार कर रहे जेलेंस्की ने इस सुरक्षा पेशकश की सराहना करते हुए इसे ऐतिहासिक निर्णय बताया है।
गौरतलब है कि अमेरिका का ट्रंप प्रशासन यूक्रेन को नाटो में शामिल करने का विचार तो नहीं कर रहा है, लेकिन कीव को नाटो की तरह सुरक्षा का ऑफर जरूर दे रहा है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन भी अमेरिका के इस ऑफर पर तैयार दिखाई दे रहे हैं। विटकॉफ ने एक कार्यक्रम में यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी प्रदान करने को लेकर अपना बयान दिया था। उन्होंने कहा, हम यह बात करने में सफल रहे हैं कि यू्क्रेन को अनुच्छेद 5 जैसी सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। ऐसा पहली बार हुआ है, जब रूस ऐसी की बात के लिए सहमत हुआ है। बता दें कि नाटो गठबंधन के आर्टिकल 5 के अनुसार सभी सदस्य देश किसी एक देश पर हुए हमले को सभी देशों पर हमला मानते हैं। ऐसे में सभी मिलकर उसका सामना करते हैं। पुतिन इसी वजह से हमेशा ही यूक्रेन को नाटो की सदस्यता देने से इनकार करते रहे हैं।