बंगाल में दुर्गा पूजा की धूम: 45 हजार पंडालों को ममता सरकार देगी 500 करोड़

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में इस बार 45 हजार से ज्यादा दुर्गा पंडाल बनाए जा रहे हैं। इनमें से 3100 सिर्फ कोलकाता में लगाए जाएंगे। साल 2026 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में इस बार सीएम ममता बनर्जी हरेक पंडाल को 1.10 लाख रुपए की अनुदान राशि दे रही हैं। इस हिसाब से देखें तो राज्य सरकार करीब 500 करोड़ रुपए दुर्गा पंडालों को मदद दे रही हैं।
बता दें सीएम ममता बनर्जी ने 2018 में पंडालों को अनुदान देना शुरू किया था। तब 28 हजार पंडाल थे और हरेक को 10 हजार रुपए दिए जाते थे। अब पंडाल 60 फीसदी बढ़ गए हैं और अनुदान 11 गुना। पिछले साल 85 हजार रुपए दिए गए थे। इस बार सीधे 25 हजार रुपए बढ़ाए गए हैं। बीजेपी का आरोप है कि चुनाव नजदीक हैं, इसलिए सीएम ममता ने अनुदान बढ़ाया है।
विश्वविद्यालय के इकोनॉमिक्स विभाग के एचओडी कहते हैं, 10 दिनी शारदीय नवरात्र बंगाल की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। यह छोटे से लेकर बड़े सेक्टर तक को आर्थिक ताकत देती है। सरकारी आंकड़ा है कि पिछले साल इन 10 दिन में 80 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार हुआ था। इस बार यह एक लाख करोड़ तक पहुंच सकता है, क्योंकि हर चीज के दाम पिछले साल से ज्यादा हैं और पंडाल भी बढ़ गए हैं। पूजा कमेटियों का कहना है कि बीते सात साल में लेबर, कच्चा माल, लाइटिंग, पूजन सामग्री, सजावट आदि का खर्च 60 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुका है। इसलिए पंडालों को भी ज्यादा रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं।
स्क्वॉयर पूजा पंडाल के आयोजक सजल घोष कहते हैं कि हम टीएमसी सरकार से अनुदान नहीं लेते हैं, क्योंकि सरकार इन्हें खुद का प्रचार का मंच बना चुकी है। अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव हैं, इसीलिए ममता ने 25 हजार रुपए ज्यादा अनुदान दे रही हैं। वहीं, विधानसभा के स्पीकर और तृणमूल नेता बिमान बनर्जी ने कहा कि अनुदान देने में सरकार कोई सियासी फर्क नहीं करती। कोलकाता में 4-5 बीजेपी समर्थित पंडाल हैं, लेकिन सरकार इन्हें भी अनुदान देती है। बीजेपी का काम ही आरोप लगाना है।