जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ तीन दिन में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिये हैं. जस्टिस अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस प्रदीप मित्तल की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई के दौरान पाया कि फर्जी सेल डीड के आधार पर विगत दो दशकों से कांग्रेस विधायक का इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज संचालित हो रहा था. युगलपीठ ने पुलिस महानिदेशक को आदेश दिया है कि वह जांच के लिए एसआईटी गठित करें. एसआईटी तीन माह में जांच कर अन्य आरोपियों के खिलाफ भी विधिवत कार्यवाही करे.
कांग्रेस विधायक ने कॉलेज की मान्यता निरस्त किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में लगाई थी याचिका
प्रदेश सरकार द्वारा विगत 9 जून को इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज, भोपाल की मान्यता निरस्त किए जाने के खिलाफ कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने कॉलेज की जमीन संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने के आदेश जारी किये थे.
कोर्ट ने पाया दो दशक तक फर्जी सेल डीड के आधार पर संचालित हो रहा था कॉलेज
युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि अमन एजुकेशन सोसायटी के अंतर्गत संचालित इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज की मान्यता के लिए 2 अगस्त 1999 को पेश की गई पहली सेल डीड फर्जी थी. इस मामले में दूसरी सेल डीड जमा करने का अवसर दिया गया था. इसके बाद दूसरी सेल डीड पेश की गयी थी, जो राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं थी. दो दशक तक उसी सेल डीड के आधार पर कॉलेज संचालित हो रहा था.
कोर्ट ने एसआईटी को जांच के लिए तीन माह का दिया समय
युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि संबंधित अधिकारियों तथा राजनीतिक संरक्षण के बिना यह संभव नहीं है. युगलपीठ ने फर्जीवाड़े को गंभीरता से लेते हुए तीन दिनों में कांग्रेस विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते तथा जांच के लिए एसआईटी गठित करने के आदेश जारी किये है. एसआईटी को जांच के लिए हाईकोर्ट ने तीन माह का समय दिया है. याचिका पर अगली सुनवाई 22 अगस्त को निर्धारित की गई है.