भोपाल: मेडिकल की पढ़ाई के लिए एम्स में एडमिशन पाने की खातिर एक छात्र ने शातिरपना किया है। यह देखकर एम्स प्रबंधन भी हतप्रभ है। मामला भोपाल एम्स से जुड़ा हुआ है। यहां पर एडमिशन लेने के लिए एक युवक ने फर्जी रास्ता का इस्तेमाल किया। उत्तर प्रदेश निवासी 22 वर्षीय लवकुश प्रजापति नाम का यह छात्र नीट परीक्षा में लगातार फेल हो रहा था। परिवार के दबाव और असफलता से परेशान होकर उसने एम्स में एडमिशन पाने की तरकीब निकाली।
फोटोशॉप की मदद से बदल लिए दस्तावेज
इसके लिए उसने अपराध का वह रास्ता अपनाया जो उसे पुलिस तक ले आया। लवकुश ने अपने दोस्त की अलॉटमेंट पत्र को सोशल मीडिया से कॉपी कर लिया और फोटोशॉप की मदद से उसमें रोल नंबर अंक और रैंक बदल दिया। उसने खुद को 284 रैंक का उम्मीदवार दिखाया। जबकि इस रैंक का एक छात्र पहले ही एम से भुवनेश्वर में एडमिशन ले चुका था।
दस्तावेजों की जांच में खुलासा
जैसे ही भोपाल एम्स में इस पत्र पर शक हुआ तो प्रबंधन ने उसके दस्तावेजों की कड़ाई से जांच की और यही उसकी चोरी पकड़ी गई। एम्स प्रबंधन ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया है। पुलिस के अनुसार लवकुश प्रजापति उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के किशनपुर गांव का निवासी है। उसने वर्ष 2021 में 12वीं की परीक्षा पास की थी। इसके बाद डॉक्टर बनने का सपना देखा।
हताश होकर यह रास्ता चुना
वर्ष 2021 से लेकर 2024 तक लगातार उसने नीट की परीक्षा दी लेकिन बेहतर रैंक हासिल नहीं कर पाया। हताश होकर उसने अपराध का रास्ता चुन लिया। उसने फोटोशॉप की मदद से मेडिकल काउंसिल कमेटी की वेबसाइट का हूबहू नकली पत्र तैयार कर लिया और उसमें खुद का नाम फोटो और रोल नंबर बदल दिया और 630 अंक लिखकर खुद की रैंक 284 दर्शा दी।
24 अगस्त को लव कुश मुंबई से भोपाल आया और एम्स के रजिस्ट्रार कार्यालय में एडमिशन के डॉक्यूमेंट जमा कराया। यहीं पर उसकी चोरी पकड़ी गई। जब वेरिफिकेशन किया गया तो पता चला कि एम्स भुवनेश्वर में एक छात्र पहले ही इस रैंक में एडमिशन ले चुका है। बाद में उसे बाग सेवनिया थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया, जहां पुलिस ने उसे पर अलग-अलग धाराओं में एफआईआर दर्ज करके गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।