नई दिल्ली: एशिया कप का 17वां सीजन शुरू होने जा रहा है. UAE की जमीन पर 8 टीमों के बीच एशिया का किंग बनने की लड़ाई फिर से छिड़ने वाली है. एशिया कप में देखा जाए तो टीम इंडिया का ओवरऑल रिकॉर्ड बाकी टीमों से बेहतर रहा है. वो इस टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम रही है. लेकिन, इसके बावजूद मेंस क्रिकेट एशिया कप के दौरान एक लम्हा ऐसा भी आया, जिसे टीम इंडिया कभी नहीं भूलना चाहेगी. ये बात साल 2008 में पाकिस्तान की जमीन पर खेले एशिया कप से जुड़ी है. तब सेना के एक जवान ने उस सीजन के फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया को खून के आंसू रुलाए थे.
सेना का जवान पड़ा जब टीम इंडिया पर भारी
साल 2008 के एशिया कप का फाइनल मुकाबला कराची के मैदान पर खेला गया था. भारत और श्रीलंका की टीमें खिताबी जंग में आमने-सामने थी. सनथ जयसूर्या के धुआंधार 125 रनों की बदौलत श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए फाइनल में 273 रन बनाए थे. भारत के सामने 274 रन का लक्ष्य था. मगर जब वो उसका पीछा करने उतरे तो पता नहीं था कि सेना के एक जवान के चलते उन्हें इतना बुरा दिन देखने को मिलेगा.
मेंडिस के मैजिक ने तोड़ी भारतीय बल्लेबाजी की कमर
टीम इंडिया के मौजूदा हेड कोच गौतम गंभीर और वीरेद्र सहवाह ओपनिंग करने उतरे थे. दोनों के बीच 36 रन की पार्टनरशिप हुई. इस साझेदारी को तो तेज गेंदबाज चामिंडा वास ने गंभीर का विकेट लेकर तोड़ा. लेकिन, उसके बाद टीम इंडिया पर सेना के जवान अजंता मेंडिस का कहर बरपता दिखा. श्रीलंका की सेना के सेकंड लेफ्टिनेंट मेंडिस ने अपनी स्पिन का ऐसा जाल बुना कि भारतीय बल्लेबाजों के सामने उसमें फंसने के सिवाए चारा नहीं बचा.
श्रीलंकाई गेंदबाजों ने भारत के सभी 10 विकेट झटक लिए. उन्होंने 274 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही भारतीय पारी को 39.3 ओवरों में ही समेट दिया. एशिया कप 2008 के फाइनल में टीम इंडिया के गिरे 10 विकेटों में से 6 विकेट अकेले अजंता मेंडिस ने लिए. उन्होंने ये कमाल 8 ओवर में 1 मेडन के साथ 13 रन देते हुए किया, जो कि उनके वनडे करियर का बेस्ट प्रदर्शन रहा.
अजंता मेंडिस के उस करियर बेस्ट प्रदर्शन की बदौलत एशिया कप 2008 के फाइनल में भारत को 100 रन से हार का सामना करना पड़ा. अजंता मेंडिंस को उस दमदार प्रदर्शन के लिए फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था.
अजंता मेंडिस कैसे हुए थे श्रीलंकाई सेना में शामिल?
अब सवाल है कि अजंता मेंडिस श्रीलंकाई सेना में शामिल कैसे हुए थे? तो इसका रास्ता भी क्रिकेट से होकर गुजरता है. साल 2003-04 में श्रीलंका की आर्टिलरी क्रिकेट कमेटी ने उन्हें आर्मी अंडर 23 डिवीजन 11 के खिलाफ मैच खेलते देखा, जिसके बाद उन्हें श्रीलंकाई सेना को जॉइन करने के लिए बुलाया गया. शुरुआती ट्रनिंग के बाद श्रीलंकाई सेना में मेंडिस पहले गनर बने. लेकिन, एशिया कप 2008 के फाइनल में भारत के खिलाफ दमदार प्रदर्शन के बाद उन्हें सर्जेन्ट और फिर सेकंड लेफ्टिनेंट बना दिया गया.