जबलपुर फ्लाईओवर से बिगड़ी कॉलोनी की प्राइवेसी, लोग बोले- घर के अंदर तक दिखाई देता है, कोर्ट ने लिया संज्ञान

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जबलपुरः शहर का सबसे बड़ा सात किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर पहले अपनी लंबाई को लेकर सुर्खियों में था। लेकिन भोपाल के 90 डिग्री वाले ब्रिज के बाद अब इस जबलपुर फ्लाईओवर के कंस्ट्रक्शन को लेकर सवाल उठाए हैं। खतरनाक लैंडिंग्स होने से एक्सीडेंट स्पॉट बन गए हैं। साथ ही यह ब्रिज अब कॉलोनियों के लिए परेशानी बन गया है। इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका लगाई गई है। दरअसल, जबलपुर के तिलहरी की अधिवक्ता अलका सिंह की याचिका में मदन महल से दमोह नाका के बीच बने फ्लाइओवर लेकर याचिका लगाई है। उन्होंने इस ब्रिज से गुजरने वाले वाहनों से होने वाले शोर और लोगों की निजता उल्लंघन होने को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि फ्लाईओवर पर व्यू कटर लगाए जाएंगे।

लोगों की प्राइवेसी हो रही भंग
वकील अलका सिंह की याचिका में कहा कि फ्लाईओवर आवासीय इलाकों से होकर गुजरता है। इस ब्रिज के दोनों ओर एकदम सट कर रेसीडेंसी कॉलोनी है। इसके कारण फ्लाईओवर के किनारे निवास करने वाले नागरिकों की निजता का उल्लंघन हो रहा है। लोग ब्रिज पर रुककर ताक झांक कर रहे हैं। साथ ही रफ्तार से वाहन गुजरते, हार्न और वाहनों के शोर से आसपास के इलाके में ध्वनि प्रदूषण हो रहा है।

हादसों को दे रहे न्योता
फ्लाईओवर के लैंडिंग्स पॉइंट में भी यू-टर्न नहीं बनाया गया है। इसके कारण लैंडिंग पॉईंट बेहद खतरनाक है। फ्लाईओवर पर मुड़ने के लिए प्रॉपर इंडिकेटर नहीं है। इससे दिन में कई स्थानों में बॉटलनेक बन रहे हैं, जिससे कारण जाम लग जाता है। ट्रैफिक व्यवस्था को कंट्रोल करने के लिए पुलिस बल तैनात नहीं रहता है। शाम होते ही फ्लाईओवर पर छेड़छाड़ की घटनाएं भी हो रही हैं।

फ्लाईओवर से फैली गंदगी
फ्लाईओवर से लोग नीचे कचरा फेंकते हैं, थूकते हैं। गंदगी ब्रिज के किनारे बने मंदिरों के ऊपर गिरती है। इससे धार्मिक आस्था को भी चोट पहुंच रही है। सीनियर वकील आदित्य संघी ने पक्ष रखते हुए फ्लाईओवर के दोनों किनारों पर अहमदाबाद की तर्ज पर व्यू कटर लगाया का तर्क प्रस्तुत किया। जिससे आसपास के निवासी ध्वनि प्रदूषण व गंदगी से बच सकें।

हाई कोर्ट का फैसला
फ्लाईओवर में अव्यवस्थाओं को चुनौती देने वाली याचिका की जबलपुर हाई कोर्ट सुनवाई हुई। इस दौरान सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया कि नवनिर्मित फ्लाईओवर के ऊपर और एंट्री के साथ एक्जिट पॉइंट पर संकेतक लगाए जाएंगे। यातायात व्यवस्था को कंट्रोल करने पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा। साथ ही होने वाले शोर से आसपास के लोगों की निजता प्रभावित नहीं हो इसके लिए व्यू कटर लगाने की सभी संभावनाओं पर विचार किया जाएगा। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए आश्वासन पर शीघ्र कार्यवाही के आदेश जारी किए हैं।