लखनऊ: पंजाब के सिंगर सिद्धू मूसेवाला से लेकर यूपी के माफिया ब्रदर अतीक-अशरफ और फिल्म अभिनेत्री दिशा पाटनी के घर हुई फायरिंग के मामले में जिस जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल हुआ देशभर में उसकी सप्लाई में यूपी ट्रांजिट रूट के रूप में इस्तेमाल हो रहा है। देश में जिन तीन रूट के जरिए जिगाना पिस्टल की तस्करी हो रही है, उसमें दो यूपी से जुड़े हैं। इसमें एक रूट नेपाल बॉर्डर का है और दूसरा एमपी के खंडवा व इंदौर से जुड़ा है। तीसरा रूट पंजाब और पाकिस्तान बॉर्डर है, जहां ज्यादातर ड्रोन के जरिए जिगाना पिस्टल व दूसरे विदेशी असलहों की सप्लाई होती है। पंजाब पुलिस ने वर्ष 2021 में विदेश से लाई गई 48 पिस्टल बरामद की थे। इनमें से 19 जिगाना पिस्टल थी। ये पिस्टल पाकिस्तान के रास्ते तस्करी व ड्रोन के जरिए पंजाब और कश्मीर बॉर्डर पर लाई गई थीं।
हवाला के जरिए होता है तस्करों को पेमेंट
लॉरेंस गैंग से जुड़े मनप्रीत सिंह उर्फ सन्नी ने भी पूछताछ में यह बात कबूली थी कि हत्याकांड को अंजाम देने के लिए लॉरिस गैंग के वीरेंद्र के जरिए कैलिफॉर्निया में दर्शन सिंह से संपर्क किया था। दर्शन सिंह ने इंदौर के असलहा तस्कर के जरिए पिस्टल का इंतजाम किया। यह पिस्टल पाकिस्तान से नेपाल बॉर्डर के जरिए शूटर्स के पास पहुंची थी। इस पिस्टल का भुगतान हवाला के जरिए कैलिफर्निया से इंदौर हुआ था। मनप्रीत को यूपी एसटीएफ ने मेरठ हत्याकांड के बाद गिरफ्तार किया था। हालांकि एसटीएफ को मनप्रीत की गिरफ्तारी के दौरान यह पिस्टल नहीं मिली थी। इसी तरह बुलंदशहर के असलहा तस्कर शहबाज अंसारी ने भी बड़े पैमाने पर लरिस गैंग को असलहों की सप्लाई की थी। इसमें सिद्ध मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल हुए असलहे भी शामिल थे। शहबाज से पूछताछ में यह सामने आया था कि पाकिस्तान के जरिए नेपाल बॉर्डर से विदेशी असलहे मंगवाता है।
जिगाना पिस्टल की खासियत
वर्ष 2001 में टिसास कंपनी ने इसे बनाना शुरू किया था। 9 एनएम की पिस्टल के 16 मॉडल आते है और यह भारत में प्रतिबंधित है। इस पिस्टल से एक बार में 15 राउंड फायरिंग की जा सकती है। चार से आठ लाख रुपये की कीमत में यह मिलती है। इसमें सेफ्टी के लिए ऑटोमैटिक फायरिंग पिन ब्लॉक भी होता है।
लॉरेंस गैंग ने दो करोड़ के असलहे खरीदे
- लॉरेंस गैंग ने बुलंदशहर के खुर्जा के असलहा तस्करों से वर्ष 2018 से वर्ष 2022 के बीच दो करोड़ से ज्यादा के असलहे यूपी से खरीदे थे।
- वर्ष 2019 में 25 लाख रुपये में पांच पिस्टल मंगवाई। इसमें दो जिगाना, दो .30 बोर की और एक .45 बोर की थी।
- वर्ष 2020 में जब लॉरेंस भरतपुर जेल में था तो कुर्बान के भांजे इमरान से 10 विदेशी पिस्टल मंगवाई। इसमें चार नाइन एनएम, चार 30 कैलिबर और दो 45 कैलिबर की थी। इसके लिए लॉरेंस ने करीब 50 लाख रुपये हवाल के जरिए भुगतान किया।
- वर्ष 2021 में लॉरेंस ने आठ लाख रुपये में एक एके-47 और 100 राउंड इमरान से खरीदे। इसी एके-47 का इस्तेमाल सिद्ध मूसेवाल की हत्या में हुआ था ।
- वर्ष 2021 में जब लॉरेंस अजमेर जेल में था तो उसने खुर्जा से असलहों की एक और खेप मंगाई। करीब 40 लाख रुपये में लॉरेंस ने चार .30 बोर और उसके 1500 राउंड और चार .32 बोर और उसके 1500 राउंड खरीदे। इसके लिए रकम का भुगतान कनाडा में बैठे गोल्डी बरार ने कराया।
- वर्ष 2022 में जब लॉरेंस बिश्नोई तिहाड़ जेल में था तो उसने खुर्जा से 35 लाख रुपये में सात और पिस्टल खरीदीं। इसमें चार पिस्टल .30 बोर को और तीन पिस्टल .45 बोर की थी।
हाई प्रोफाइल अपराधों में जिगाना ही क्यों?
यूपी में जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल सिर्फ अतीक-अशरफ की हत्या या दिशा पाटनी के घर पर हुई फायरिंग में ही नहीं हुआ है। माफिया मुख्तार अंसारी के दो बेहद करीबी गुर्गों की हत्या में का इस्तेमाल हुआ था। इसमें से एक मेराज कोचित्रकूट जेल ने मारा गया था। दूसरे करीबी अजीत सिंह की लखनऊ के विभूतिखंड में छह जनवरी 2021 को जिगाना पिस्टल की गेलियों से भूना गया था। चित्रकूट जेल में तो पिस्टल बरामद हुई थी, लेकिन अजीत सिह हत्याकांड में इस्तेमाल पिस्टल पुलिस को नहीं मिल पाई थी।