इंदौर में मालिनी गौड़ के बेटे की विवादित टिप्पणी से गुस्साए हिंदू-मुस्लिम कर्मचारी, बोले – धर्म के नाम पर भेदभाव बर्दाश्त नहीं

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इंदौरः शहर में बीजेपी विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ के मुस्लिम कर्मचारियों को दुकानों से हटाने की चेतावनी दी थी। उनके बयान के अल्टीमेटम वाली तारीख नजदीक आते ही विवाद गहरा गया। बुधवार को शीतला माता बाजार और आसपास के इलाकों के मुस्लिम-मुस्लिम कारीगरों और कर्मचारी इकट्ठा हुए। उन्होंने मुस्लिमों को नौकरी हटाने के फैसले के खिलाफ साथ मिलकर राजवाड़ा तक मौन रैली निकाली। साथ ही प्रशासन से न्याय की मांग की। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि वे वर्षों से यहां नौकरी और व्यापार कर रहे हैं। लेकिन हाल ही में दिए गए बयानों से उनका रोजगार संकट में आ गया है। दुकानदार मोहम्मद गुलजार ने कहा कि हम व्यापार को राजनीति से जोड़कर नहीं देखना चाहते। हम 30-35 साल से यहां शांति से व्यापार कर रहे हैं। हमें सिर्फ इसलिए हटाने को कहा जा रहा है क्योंकि हम मुसलमान हैं।

व्यापारी एसोसिएशन में दिया बयान
दरअसल, 18 अगस्त को शीतला माता बाजार व्यापारी एसोसिएशन की बैठक हुई थी। इसमें एकलव्य गौड़ ने व्यापारियों से कहा था कि बाजार को जिहादी मानसिकता के लोगों से मुक्त करना जरूरी है। इस बैठक में उन्होंने लव जिहाद को षड्यंत्र और सनातन धर्म के लिए चुनौती बताया था। उन्होंने चेतावनी दी थी कि एक महीने में मुस्लिम कर्मचारियों, किराएदारों या दलालों को हटाया जाए। वरना हिंद रक्षक संगठन कार्रवाई करेगा।

कांग्रेस ने जताया विरोध
कांग्रेस ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे ने इसे इंदौर का भाईचारा बिगाड़ने का प्रयास बताया। वहीं कांग्रेस पार्षद रुबीना इकबाल खान ने एकलव्य को नसीहत देते हुए कहा कि आप मेरी नजर में बेटे जैसे हैं। यह कैसी राजनीति कर रहे हो? आपकी मां जब महापौर थीं तब उन्होंने कभी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया।

हिंदू-मुस्लिम कर्मचारियों ने निकाली रैली
रैली में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के कर्मचारी और दुकानदार शामिल हुए। दुकानदार बलवंत सिंह ने बताया कि वह मुस्लिम पार्टनर के साथ दुकान चला रहे हैं। लेकिन उन्हें भी दुकान खाली करने का नोटिस दे दिया गया है। कर्मचारियों का कहना है कि वे सालों से मिलजुलकर काम कर रहे हैं। ऐसे फरमान से रोजगार पर संकट खड़ा हो गया है।