डेस्क। चीन (China) ने दुर्लभ खनिजों (Rare Minerals) इससे जुड़ी प्रौद्योगिकियों (Technologies) के निर्यात पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। चीन ने अब इन प्रतिबंधों को लेकर सफाई भी दी है। चीन की ओर से कहा गया है कि दुर्लभ खनिजों और उनसे जुड़ी प्रौद्योगिकियों के निर्यात पर कड़े प्रतिबंध लगाने का उसका कदम पाकिस्तान (Pakistan) से किसी भी तरह से जुड़ा नहीं है। चीन ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान के नेताओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को कीमती खनिज भेंट किए हैं, इससे भी इसका कोई संबंध नहीं है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पाकिस्तान के अमेरिका के साथ घनिष्ठ संबंध विकसित होने के बावजूद पाकिस्तान के साथ चीन की अटूट दोस्ती बरकरार है। लिन ने सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ के संवाददाता की ओर से पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा, “दुर्लभ खनिजों और संबंधित वस्तुओं के संबंध में निर्यात नियंत्रण उपायों पर चीन की हालिया घोषणा का पाकिस्तान से कोई लेनादेना नहीं है।” उन्होंने कहा, “आपने जिन खबरों का जिक्र किया है, वो या तो तथ्यों से अनजान हैं या अटकलों पर आधारित हैं या फिर मतभेद पैदा करने के इरादे से गढ़ी गई हैं। ये खबरें पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।”
दुर्लभ खनिजों के खनन पर एक तरह से एकाधिकार रखने वाले चीन ने पिछले हफ्ते इन खनिजों के खनन एवं प्रसंस्करण पर नए निर्यात प्रतिबंधों की घोषणा की था। चीन ने इस दौरान अज्ञात विदेशी कंपनियों पर सैन्य उद्देश्यों के लिए उसके खनिजों का इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया था। ट्रंप ने बीजिंग के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताते हुए चीनी वस्तुओं के आयात पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी है।