बिहार चुनाव से पहले INDIA गठबंधन में दरार, JMM ने दिखाया नाराजगी भरा रुख

0
7

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया अलायंस के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की नाराजगी ने नए सियासी संकेत दे दिए हैं. झारखंड सरकार के मंत्री और गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने प्रेसवार्ता में साफ किया कि JMM बिहार विधानसभा चुनाव में भाग नहीं लेगी.साथ ही महागठबंधन के किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार-प्रसार नहीं करेगी. अब देखना है कि क्या झारखंड में भी इंडिया अलायंस का गठबंधन टूट जाएगा.

JMM ने बिहार में चुनाव न लड़ने का किया फैसला
सुदिव्य कुमार ने बताया कि पार्टी का यह निर्णय कांग्रेस और राजद द्वारा गठबंधन धर्म का पालन न करने के कारण लिया गया. उन्होंने कहा कि बिहार में सीट बंटवारे और अन्य व्यवस्थाओं में झामुमो को उलझा कर रखा गया और अंतिम समय में कुछ ऐसी परिस्थितियां पैदा हुईं, जिससे JMM ने बिहार में चुनाव न लड़ने का फैसला किया. मंत्री ने आरोप लगाया कि जिस प्रकार झारखंड में कांग्रेस और राजद को बड़े भाई की भूमिका निभाते हुए सहयोग और सीटें दी गईं, उसी प्रकार बिहार में झामुमो के साथ अन्याय हुआ.

कांग्रेस ने झामुमो के पक्ष में नहीं लिया कोई स्पष्ट स्टैंड
सुदिव्य कुमार ने आगे कहा कि कांग्रेस ने झामुमो के पक्ष में कोई स्पष्ट स्टैंड नहीं लिया और न ही मध्यस्थता के लिए कोई पहल की. इस कारण, झामुमो ने बिहार में चुनाव नहीं लड़ने का कदम उठाया. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में राजद और कांग्रेस दोनों जिम्मेदार हैं.18 अक्टूबर को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली JMM ने भी बिहार में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. पार्टी ने कहा कि वह किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी और केवल छह विधानसभा सीटों चकाई, धमदाहा, कटोरिया, मनिहारी, जमुई और पीरपैंती से अपने उम्मीदवार उतारेगी. JMM के महासचिव सुप्रीमो भट्टाचार्य ने बताया कि इन सीमावर्ती सीटों में पार्टी का जनाधार लगातार बढ़ रहा है और उनका मुख्य फोकस आदिवासी और वंचित वर्ग के मुद्दों को प्रमुखता से उठाना रहेगा.

बीजेपी ने JMM के इस फैसले पर तंज कसा
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कहा कि JMM ने पिछले एक हफ्ते में अपना स्टैंड बदलकर बेशर्मी की नई मिसाल कायम की. पहले बंगाल से भागा, अब बिहार से भी भाग गया। पूरा घटनाक्रम ‘भाग JMM भाग’ की याद दिलाता है.विश्लेषकों का मानना है कि JMM की नाराजगी और बिहार में सीट बंटवारे पर असंतोष इंडिया अलायंस के लिए झारखंड में चुनौती बन सकता है. इस कदम का असर न केवल बिहार चुनाव में, बल्कि झारखंड में गठबंधन की सियासी स्थिति पर भी देखा जाएगा. यदि गठबंधन में संतुलन नहीं बना तो इंडिया अलायंस के झारखंड में टूटने की संभावना भी बढ़ सकती है.