नागपुर के अस्पताल का अलर्ट, चिट्ठी मिलने पर भी नहीं जागी सरकार, बच्चों की मौत पर बोले नकुलनाथ

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छिंदवाड़ा: जहरीले कफ सिरप से छिंदवाड़ा जिले सहित मध्य प्रदेश में हुई मासूम बच्चों की मौत के मामले में पूर्व सांसद और कांग्रेस के नेता नकुलनाथ ने दावा किया है कि सिरप में गड़बड़ी की आशंका 16 सितंबर को ही नागपुर के डॉक्टर ने बता दी थी. लेकिन इसके बाद भी छिंदवाड़ा जिला प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाए.

सो रहा था छिंदवाड़ा का स्वास्थ्य अमला, बच्चों की हुई मौत
नकुलनाथ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया है कि, ''स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर सो रहे थे, सरकार में बैठे लोग सत्ता का आनंद उठा रहे थे, इसीलिये बार-बार जगाने पर भी कोई नहीं जागा और जिले के मासूम बच्चों की असमय मृत्यु हो गई. दुर्भाग्य इस बात का है कि कांग्रेस के साथ ही नागपुर के अस्पताल ने भी जिम्मेदारों को बच्चों की बीमारी से अवगत कराया, किन्तु किसी ने भी तत्काल ठोस कदम नहीं उठाए.''

नागपुर के अस्पताल ने 16 सितंबर को लिखी थी चिठ्ठी
नकुलनाथ ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि, ''नागपुर के न्यू हेल्थ सिटी हॉस्पिटल धंतौली ने 16 सितम्बर 2025 को एक पत्र DHO छिंदवाड़ा (डिस्ट्रिक हेल्थ ऑफिसर) को लिखा, जिसमें उन्होंने परासिया से भर्ती किए गए सभी मासूम बच्चों में एक जैसी गम्भीर बीमारी होने का उल्लेख किया. बाल रोग विशेषज्ञों के द्वारा की गई जांच में सामने आया कि दो से तीन दिनों तक बच्चों में तेज बुखार के बाद उनकी पेशाब बंद हुई और फिर किडनी फेल होने से मौत हो गई. न्यू हेल्थ सिटी हॉस्पिटल के द्वारा जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी छिन्दवाड़ा को भेजे गए पत्र में बच्चों की मौत के कारणों को लगभग स्पष्ट किया, अगर जिम्मेदार नींद में नहीं होते और गंभीरता दिखाते तो मासूम बच्चों की जान बचाई जा सकती थी.''

आज भी कागजी खानापूर्ति हो रही
नकुलनाथ ने कहा कि, ''आज भी जिम्मेदार इस सम्पूर्ण मामले में कागजी खानापूर्ति के सिवाए और कुछ नहीं कर रहे हैं. बीमार बच्चों के इलाज पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा, ना ही इलाज में लगने वाले खर्च का प्रदेश सरकार की ओर से पैमेंट किया जा रहा.'' प्रदेश सरकार से कहा कि, ''कागजी खानापूर्ति को बंद कर इलाजरत बच्चों को आर्थिक मदद पहुंचाए ताकि उनके परिजन मानसिक तनाव से बाहर निकल सकें.''

 

 

    सरकार ने उठाया बेहतर कदम, कांग्रेस बयानबाजी में व्यस्त
    पूर्व सांसद नकुलनाथ के द्वारा लगाए गए आरोपों पर भाजपा के नेता और पार्षद संदीप सिंह चौहान ने बताया कि, ''जैसे ही बच्चों की मौत का पता चला सबसे पहले स्थानीय कलेक्टर ने दो कफ सिरप पर बैन लगाया था. उसके बाद सरकार ने जांच के बाद पूरे प्रदेश में रोक लगा दी थी. उसके साथ ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर सभी वरिष्ठ नेताओं ने नागपुर के अस्पताल सहित छिंदवाड़ा के हर पीड़ित के घर पहुंचे. उनके दुख में सहभागी बनते हुए तत्काल आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराने के साथ ही बच्चों के इलाज का खर्च संबंधित अस्पतालों को देना शुरू किया है.

    पूर्व सांसद नकुलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सिर्फ सोशल मीडिया पर बयानबाजी कर रहे हैं. उन्हें तो छिंदवाड़ा आने तक की फुर्सत नहीं थी. जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष छिंदवाड़ा आ गए उसके बाद कमलनाथ और नकुलनाथ पीड़ितों से मिलने शहंशाह की तरह पहुंचे थे और उन्होंने अपना दरबार लगाया था.''