व्यापार: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्यूचुअल फंड फोलियो खोलने और पहली निवेश प्रक्रिया को मानकीकृत करने का प्रस्ताव रखा है। इसका मकसद है कि निवेशकों के फोलियो केवल ‘नो योर क्लाइंट’ (KYC) सत्यापन के बाद ही बनाए जाएं। वर्तमान में कुछ मामलों में फोलियो KYC पंजीकरण एजेंसियों (KRA) द्वारा सत्यापन से पहले ही खुल जाते हैं, जिससे संचालन संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। बृहस्पतिवार को सेबी ने अपने प्रस्ताव के संबंध में बताया कि एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMC) पहले आंतरिक KYC जांच करती हैं और फिर दस्तावेज़ KRAs को भेजती हैं। यदि बाद में कोई विसंगति पाई जाती है, तो फोलियो ‘नॉन-कंप्लायंट’ घोषित कर दिया जाता है। इस वजह से निवेशकों को नए फोलियो में लेनदेन करने, रिडेम्पशन राशि या डिविडेंड प्राप्त करने में कठिनाई होती है, जबकि एएमसी को संचार और भुगतान में बाधाएं आती हैं, जिससे बिना दावे वाली राशि बढ़ती है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए सेबी ने प्रस्ताव दिया है कि एएमसी केवल KYC दस्तावेजों के सत्यापन के बाद ही फोलियो बनाएं। इसके बाद ही KRAs अंतिम सत्यापन करेंगे और जब फोलियो को ‘KYC कंप्लायंट’ दर्ज किया जाएगा, तभी पहली निवेश की अनुमति दी जाएगी। निवेशकों को हर चरण की जानकारी ईमेल और मोबाइल के माध्यम से दी जाएगी। सेबी ने सभी संबंधित पक्षों से इन प्रस्तावों पर 14 नवंबर तक सुझाव मांगे हैं।
फर्स्ट ओवरसीज कैपिटल पर दो साल का प्रतिबंध
सेबी ने एक अन्य अहम फैसले में फर्स्ट ओवरसीज कैपिटल को प्रतिभूति बाजारों में प्रवेश और लेनदेन करने से दो साल के लिए कोई भी नया आदेश लेने से रोक दिया है। गलत जानकारी देने और अंडरराइटिंग सीमा सहित कई उल्लंघनों के लिए 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। सेबी ने पाया कि फर्स्ट ओवरसीज 2018-19 से नेटवर्थ जरूरतों का अनुपालन नहीं कर रही है। सेबी ने अप्रैल, 2021 से मार्च, 2022 तक निरीक्षण किया।
दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में पैठ बढ़ा रहे हैं भारतीय आलू
देश के प्रसंस्कृत आलू उत्पाद दक्षिण पूर्व एशियाई बाजारों में पैठ बढ़ा रहे हैं। इसका कारण उन देशों में स्नैक्स की बढ़ती मांग और गुजरात एवं उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में इस क्षेत्र के लिए तेजी से बुनियादी ढांचे का विकास है। जीटीआरआई ने कहा, 2021-22 में आलू निर्यात 1.14 करोड़ डॉलर से बढ़कर 2024-25 में 6.3 करोड़ डॉलर हो गया है। यह सबसे तेजी से बढ़ती प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात श्रेणी बन गई है। अन्य प्रसंस्कृत आलू उत्पादों के निर्यात में आटा, स्टार्च, चिप्स और खाने के लिए तैयार उत्पाद शामिल हैं।
कोल इंडिया की 12 परियोजनाओं में देरी
कोल इंडिया की शाखा साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लि. (एसईसीएल) की 12 कोयला खनन परियोजनाएं पर्यावरण मंजूरी और भूमि अधिग्रहण में देरी जैसे कारणों से निर्धारित समय से पीछे चल रही हैं। कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से तीन खदानों की लागत 500 करोड़ और उससे अधिक है। पांच खदानों की लागत 150 करोड़ रुपये और उससे अधिक लेकिन 500 करोड़ से कम है।
मारुति जिम्नी 5-डोर का निर्यात एक लाख पार
मारुति सुजुकी इंडिया की कॉम्पैक्ट एसयूवी जिम्नी 5-डोर ने एक लाख इकाई के निर्यात का आंकड़ा पार कर लिया है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को कहा, जिम्नी 5-डोर का निर्यात भारत में पेश होने के तुरंत बाद 2023 में शुरू हो गया था। इसका जापान, मेक्सिको और ऑस्ट्रेलिया सहित 100 से अधिक देशों में निर्यात किया जा रहा है। जापान मे इसे जिम्नी नोमेड के नाम से निर्यात किया जाता है।
कोलगेट 24 रुपये देगी लाभांश, फायदा घटा
कोलगेट पामोलिव को सितंबर तिमाही में 327.51 करोड़ का मुनाफा हुआ है। एक साल पहले की समान तिमाही की तुलना में यह 17 फीसदी कम है। कंपनी ने कहा, जीएसटी से जुड़ी बाधाओं के कारण उच्च विकास आधार वाली तिमाही में यह गिरावट आई। कंपनी 17 रुपये के पहले अंतरिम लाभांश की घोषणा की है। बिक्री 6.33 फीसदी घटकर 1,507 करोड़ रुपये रह गई।
एचयूएल 19 रुपये देगी लाभांश, लाभ 3.8% बढ़ा
हिंदुस्तान यूनिलीवर लि. (एचयूएल) को सितंबर तिमाही में 2,694 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। यह सालाना आधार पर 3.8 फीसदी अधिक है। बिक्री 2.1 फीसदी बढ़ी है। कंपनी ने प्रति शेयर 19 रुपये का लाभांश देने की घोषणा की है। कंपनी ने कहा, सितंबर तिमाही में राजस्व बढ़कर 16,034 करोड़ रुपये रहा। कुल खर्च 3.32 फीसदी बढ़कर 12,999 करोड़ रुपये रहा।
विदेशी निवेशकों ने 46 गुना बढ़ाई घरेलू सरकारी बॉन्ड की खरीदारी
विदेशी निवेशकों ने भारत सरकार के बॉन्ड की खरीद को इस हफ्ते 46 गुना बढ़ा दिया है। यह दिखाता है कि विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार पर विश्वास बढ़ रहा है। क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, वैश्विक फंडों ने बीते हफ्ते विदेशियों के लिए उपलब्ध 55.51 अरब के डेट फंड खरीदे हैं। इससे पिछले हफ्ते यह 1.21 अरब रुपये था। यह खरीदारी ऐसे समय पर देखी गई है, जब आरबीआई रुपये को मजबूत करने के लिए लगातार कदम उठा रहा है। इस कारण बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में करीब एक फीसदी की तेजी देखी गई थी। आरबीआई के दखल के बाद रुपया अपने रिकॉर्ड निचले स्तर से लगातार मजबूत हो रहा है। इससे भारतीय बॉन्ड्स पर रिटर्न भी बढ़ रहा है। यह लगातार दूसरा महीना होगा, जब भारतीय बॉन्ड्स अन्य उभरते हुए बाजार प्रतिद्वंदि्वयों से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। 10 वर्षों की अवधि वाले बॉन्ड का ब्याज करीब 6.5 फीसदी के आसपास है, जो एशियाई क्षेत्र में सबसे अधिक है।









