इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक बन चुकी है। ट्रैफिक सुधारने के लिए तमाम तरह के प्रयास ट्रैफिक पुलिस द्वारा किए जा रहे हैं, लेकिन शहर में ट्रैफिक पुलिस का अमला कम होने की वजह से शहरवासियों को ट्रैफिक प्रहरी बनाया जा रहा है। ऐसे में शहरवासी भी बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा ले रहे हैं, बड़ी बात यह है कि इसमें ऐसे लोग भी हिस्सा ले रहे है जिनके घर में कोई खुशी का मौका हो।
खुशियों के पल में बने ‘ट्रैफिक प्रहरी’
ऐसी ही एक खुश कर देने वाली तस्वीर सामने आई है, जहां एक व्यक्ति जिसके घर बेटी ने जन्म लिया तो वह अपनी बिटिया के जन्म की खुशी में चौराहे पर ट्रैफिक सम्भाल रहा है। तो दो ऐसे भी लोग है जिनके बच्चों का जन्मदिन है लेकिन वे भी चौराहे पर ट्रैफिक कंट्रोल कर बच्चों का जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे है। इनके जज्बे की शहरवासी भी खुले मन से तारीफ कर रहे हैं। करण कपूर दो दिन पहले बेटी के पिता बने बेटी के पिता बनने की इनको इतनी खुशी है कि वह खुद ट्रैफिक प्रहरी बनकर चौराहे पर ट्रैफिक कंट्रोल करने के साथ ही लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए सड़क पर उतर गए। वे पेशे से सेल्स मैनेजर हैं।
उदाहरण कई और भी हैं
करण कपूर के अलावा कई और भी मामले हैं। ट्रांसपोर्ट नें काम करने वाले आनंद जोगी ने अपने बेटे जन्मदिन के मौके पर आनंद चौराहे पर ट्रैफिक व्यवस्था को संभाला। जोगी ने पहले अपने बच्चे को स्कूल छोड़ा फिर ट्रैफिक जागरूकता में जुट गए, वहीं, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में कार्यरत अख्तर खान ने अपनी बेटी के जन्मदिन पर कुछ घंटों की छुट्टी लेकर ट्रैफिक प्रहरी बन गए।
ट्रैफिक प्रहरियों की हो रही तारीफ
चौराहे पर लोगों को चौराहे पर ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करने वाले इन प्रहरियों के काम की शहरवासी भी खूब तारीफ कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि सिग्नल पर खड़े होकर इस तरह से ट्रैफिक कंट्रोल करने वाले लोग बढ़िया काम कर रहे हैं और इनकी वजह से शहरवासी ट्रैफिक के प्रति जागरूक हो रहे है।
कोई भी बन सकता है ‘ट्रैफिक प्रहरी’
शहरवासियों को ट्रैफिक प्रहरी बनाकर सड़क पर उतारने का उद्देश्य लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करना है। इंदौर ट्रैफिक डीसीपी आनंद कलादगी ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी किए गए क्यूआर कोड को स्कैन कर गूगल फॉर्म भरकर कोई भी व्यक्ति ट्रैफिक प्रहरी बन सकता है। खास बात यह है कि लोग अपने खास दिनों को यादगार बनाने के लिए ट्रैफिक प्रहरी बन रहे है। इससे शहर का ट्रैफिक तो कंट्रोल हो ही रहा है, लोगों के खास दिन भी विशेष बन रहे है।









