एयरलाइन | बैन के कारण भारत के विमान पाकिस्तान के एयरस्पेस से उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। इस कारण उन्हें लंबा रास्ता लेना पड़ रहा है जिससे एयरलाइन कंपनियों खासकर एयर इंडिया को भारी नुकसान हो रहा है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक टाटा ग्रुप का हिस्सा बन चुकी यह एयरलाइन अब चीन के शिनजियांग इलाके के ऊपर से उड़ान भरने की इजाजत मांग रही है। कंपनी के एक दस्तावेज के मुताबिक एयर इंडिया चाहती है कि भारत सरकार चीन को मनाए ताकि वह शिनजियांग के संवेदनशील सैन्य हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल कर सके। इससे उड़ानों का समय कम हो जाएगा।
भारत और चीन के बीच पांच साल के लंबे अंतराल के बाद हाल में डायरेक्ट फ्लाइट शुरू हुई है। जून 2020 में सीमा पर हुई झड़प के बाद दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें बंद कर दी गई थीं। एयर इंडिया अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का नेटवर्क फिर से बनाने की कोशिश कर रही है। जून में लंदन जा रहा एयर इंडिया का एक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर गुजरात में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में 260 लोगों की जान चली गई थी। इस वजह से कंपनी को सुरक्षा जांच के लिए कुछ समय के लिए अपनी उड़ानें कम करनी पड़ी थीं।
फ्यूल कॉस्ट में तेजी
लेकिन पाकिस्तान के भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर देने से एयर इंडिया के लिए यह काम और मुश्किल हो गया है। पाकिस्तान ने अप्रैल के अंत में भारत के साथ अपने राजनयिक तनाव बढ़ने के बाद यह कदम उठाया था। एयर इंडिया भारत की एकमात्र ऐसी एयरलाइन है जिसका अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क काफी बड़ा है। कंपनी के एक दस्तावेज के अनुसार पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र यूज नहीं कर पाने की वजह से उसकी फ्यूल कॉस्ट 29% तक बढ़ गई है। साथ ही कुछ लंबी दूरी की उड़ानों में यात्रा का समय तीन घंटे तक बढ़ गया है।
यह जानकारी अक्टूबर के अंत में भारतीय अधिकारियों को सौंपे गए एक दस्तावेज में दी गई है। दस्तावेज में यह भी बताया गया है कि भारत सरकार एयर इंडिया की इस मांग पर विचार कर रही है। एयर इंडिया चाहती है कि चीन राजनयिक स्तर पर वैकल्पिक मार्ग की अनुमति दे। साथ ही शिनजियांग के होटन, काशगर और उरुमकी हवाई अड्डों पर आपातकालीन लैंडिंग की सुविधा भी मिले। इससे अमेरिका, कनाडा और यूरोप की यात्रा का समय कम हो जाएगा।
घाटे पर घाटा
एयर इंडिया में टाटा ग्रुप और सिंगापुर एयरलाइंस की हिस्सेदारी है। कंपनी का अनुमान है कि पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र बंद होने से उसके प्रॉफिट पर सालाना 455 मिलियन डॉलर का असर पड़ेगा। फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में कंपनी का अनुमानित घाटा 439 मिलियन डॉलर था। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उन्हें इस स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं है। एयर इंडिया और भारत, चीन और पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरणों ने भी सवालों का जवाब नहीं दिया।









