राजस्थान की दो बहनें IAS टीना डाबी और रिया डाबी अमूमन चर्चा में रहती हैं. इस बार उन्होंने कुछ ऐसा किया है, जिससे उनकी हर कहीं तारीफ हो रही है. एक तरफ जहां बाड़मेर की जिला कलेक्टर टीना डाबी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय जल संरक्षण पुरस्कार समारोह में 2 करोड़ रुपये का ‘प्रथम जल संचय जन-भागीदारी’ पुरस्कार दिया. वहीं, उनकी छोटी बहन रिया डाबी को भी 1 करोड़ रुपये का पुरस्कार मिला है.
टीना डाबी ने ‘कैच द रेन’ अभियान के जरिए वर्षा जल संचयन में उल्लेखनीय काम किया है, जिसके चलते बाड़मेर जिले को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम श्रेणी में चुना गया. उनके प्रयासों में पारंपरिक ‘टांका’ निर्माण को व्यापक रूप से बढ़ावा दिया गया, जिससे वर्षा के पानी को संरक्षित किया जा सके.
नई दिल्ली में आयोजित हुआ कार्यक्रम
इस जन-भागीदारी मॉडल की सफलता ने बाड़मेर को देश में जल संरक्षण का एक प्रेरक उदाहरण बना दिया है. दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस उपलब्धि पर IAS टीना डाबी को 2 करोड़ की राशि देकर सम्मानित किया.
उदयपुर में तैनात हैं IAS रिया
वहीं, दूसरी तरफ टीना डाबी की छोटी बहन IAS रिया डाबी उदयपुर जिले में जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) हैं. उदयपुर जिले को जल संरक्षण की दिशा में बेहतर कार्य के लिए राष्ट्रीय स्तर पर दूसरी श्रेणी में चुना गया. जिला कलेक्टर नमित मेहता की देखरेख में उदयपुर जिले में 32,700 कार्य पूरे किए गए.
कलेक्टर की तरफ से रिया डाबी हुईं नामित
उदयपुर जिले को 1 करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा हुई थी, जिसके बाद पुरस्कार लेने के लिए केलक्टर की तरफ से IAS रिया डाबी को नामित किया गया. ऐसे में बाड़मेर का पुरस्कार जहां, टीना डाबी ने हासिल किया. वहीं उदयपुर जिले को मिलने वाला पुरस्कार उनकी छोटी बहन IAS रिया डाबी ने प्राप्त किया.
सीएम भजनलाल शर्मा ने दी बधाई
नई दिल्ली में स्थित विज्ञान भवन में राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया, जहां पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्कृष्ट कार्य करने वालों को यह पुरस्कार प्रदान किया. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस उपलब्धि पर प्रदेश के उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिलों को बधाई दी है. जल संरक्षण की दिशा में बेहतर कार्य के लिए राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान प्रदेश को तीसरा स्थान हासिल हुआ है.









