भोपाल में पुराना स्टांप नया बनाकर सरकार को लगाया ‘चूना’, खेल चल रहा था लंबे समय से

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भोपाल | भोपाल में एमपी नगर पुलिस ने राजधानी में लंबे समय से सक्रिय फर्जी स्टांप गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि सात आरोपी फरार बताए जा रहे हैं. जांच में सामने आया है कि यह गिरोह पुराने इस्तेमाल किए हुए स्टांप पेपर को विशेष केमिकल से साफ कर उन्हें नया बताकर बेच रहा था, जिससे सरकार को लाखों रुपए का राजस्व नुकसान हो रहा था. इस पूरे मामले में 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है|

पुराने स्टांप को केमिकल से बनाते थे नया

पुलिस के अनुसार, पुलिस को लंबे समय से इस गिरोह के सक्रिय होने की जानकारी मिल रही थी. आरोपी सरकारी दफ्तरों और बैंकों में मौजूद पुराने दस्तावेजों से Used एडहेसिव स्टांप चोरी कर लाते थे. इसके बाद इन्हें केमिकल से साफ कर बिल्कुल नया जैसा तैयार किया जाता था और बाजार में बेचा जाता था. इन नकली तैयार स्टांपों का उपयोग बैंक डेट में किरायनामा बनाने सहित कई नोटरी कार्यों में धड़ल्ले से हो रहा था, जिससे पूरे स्टांप सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े हो गए थे|

3 ठिकानों पर छापे, बड़ी मात्रा में सामग्री जब्त

पुलिस ने सूचना के आधार पर तीन प्रमुख स्थानों सारनाथ कॉम्पलेक्स स्थित मामा चेम्बर्स, ए.एम. इंटरप्राइजेस और मिंटो हॉल के सामने स्थित एक दुकान पर छापेमार कार्रवाई की. इस दौरान चिपकाने वाले स्टांप, सील लगे खाली स्टांप, सील-मोहरें, स्टांप की रंगीन जिरॉक्स, ब्लेड और बैक डेट किरायनामा समेत बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई|

पुलिस अब गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है और फरार सात सदस्यों की तलाश के साथ यह भी जांच कर रही है कि यह स्टांप स्कैम आखिर कितना बड़ा है. इस मामले को लेकर मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि किसी भी आरोपी को बक्शा नहीं जाएगा. मामले की गंभीरता से तह तक जांच की जाएगी|

दूसरी तरफ कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव बरौलिया का कहना है कि मध्य प्रदेश स्कैम का गढ़ बन चुका है. ऐसा कोई स्कैम नहीं जो यहां नहीं हुआ है. स्टांप पेपर स्कैम की भी उच्च स्तरीय जांच की जरूरत है|