प्रोटीन की कमी से हो सकती हैं ये 5 गंभीर समस्याएं, जानिए लक्षण और बचाव के तरीके

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Protein Deficiency Signs: प्रोटीन हमारे डाइट का एक अहम हिस्सा है. हमारे शारीरिक और मानसिक विकास के लिए हमें रोजाना किसी ना किसी फार्म में प्रोटीन को सेवन करना चाहिए. हमें अपने वजन का लगभग 0.8 ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए. पुरुषों का मिनीमम 56 ग्राम और महिलाओं को करीब 46 ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए.

अगर आप लंबे समय तक पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन नहीं लेते हैं तो आपको शारीरिक और मानसिक तौर पर कई तरह की दिक्‍कताें का सामना करना पड़ सकता है.

शरीर में सूजन (एडिमा)

शरीर में सूजन प्रोटीन की कमी का सबसे पहला संकेत होता है. इसे एडिमा कहा जाता है. एडिमा में आपके पैरों, पंजों, हाथों या पेट पर सूजन दिखाई दे सकती है. एल्ब्यूमिन नाम का प्रोटीन हमारे शरीर में मौजूद लिक्विड को संतुलित रखने में मदद करता है. प्रोटीन की कमी होने पर फ्लूइड बाहर निकलकर आसपास के टिश्यू में जमा होने लगता है. यह संकेत लीवर से जुड़ी बीमारियों को दर्शाता है. जल्‍द से जल्‍द इसकी जांच कराना जरूरी होता है.

मूड चेंज और बेचैनी

प्रोटीन की कमी हमारे शरीर के साथ-साथ दिमाग पर भी असर डालती है. ऐसे में मूड अचानक खराब होना, चिड़चिड़ापन, बेचैनी और ध्यान न लग पाना जैसी समस्याएं होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रोटीन से बनने वाले अमीनो एसिड ही हमारे दिमाग के केमिकल बनाते हैं जो मूड और मोटिवेशन को कंट्रोल करते हैं. इनकी कमी होने पर मानसिक संतुलन पर असर दिखना स्वाभाविक है.

थकान होना

शरीर में थकान रहना लो प्रोटीन का एक अहम लक्षण है. अगर अच्छी नींद के बावजूद शरीर थका हुआ लगे या एनर्जी जल्दी खत्म हो जाए, तो यह प्रोटीन की कमी की ओर इशारा करता है. प्रोटीन खून में शुगर को स्थिर रखने, हार्मोन बनाने और एनर्जी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. प्रोटीन की कमी होने पर हमें थकान महसूस होती सकती है.

बाल झड़ना

प्रोटीन की कमी से बाल झड़ना, बाल पतले होना, नाखून टूटना या त्वचा का रूखी और बेजान होना जैसी समस्याएं भी होती हैं. प्रोटीन की कमी से केराटिन, कोलेजन और इलास्टिन सही मात्रा में नहीं बन पाते. ये सब संकेत हैं कि शरीर को पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिल रहा.

बार बार भूख लगना

प्रोटीन की कमी होने पर बार बार भूख लगती है. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रोटीन पेट को लंबे समय तक भरा रखता है और एनर्जी की स्थिरता बनाए रखता है. जब यह कम हो जाता है तो भूख जल्दी-जल्दी लगती है, क्रेविंग बढ़ती है और एनर्जी लगातार गिरती रहती है.