झारखंड में जनगणना 2027 का बिगुल! CM हेमंत ने सीमाओं पर लगाई ब्रेक—डेटा होगा सटीक, जातिगत आंकड़े पहली बार डिजिटल!

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हेमंत सरकार ने जनगणना को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है. इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जिलों से लेकर ग्राम पंचायत के सीमाओं के परिवर्तन पर पांबदी लगा दी है. 1 मार्च 2027 से शुरू हो रहे जनगणना को लेकर आज सोमवार को सीएम हेमंत ने जनगणना अधिनियम 1948 के तहत जनगणना नियम 1990 के नियम-8 (iv) के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारत की जनगणना- 2027 के लिए झारखंड राज्य की सभी प्रशासनिक इकाइयों यथा, जिला/अनुमण्डल/प्रखण्ड/नगर निगम/नगर परिषद/नगर पंचायत/छावनी परिषद/वार्ड/पंचायत/ग्राम आदि के प्रशासनिक क्षेत्राधिकार की सीमाओं में दिनांक- 1 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किए जाने का निर्देश दिया है.

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने क्षेत्राधिकार की सीमाओं में 31 दिसंबर2025 तक हुए परिवर्तनों से संबंधित सूचना एवं वांछित अधिसूचना निदेशक जनगणना कार्य निदेशालय झारखंड रांची को अग्रसारित किए जाने का निर्देश दिया है. सीएम के इस निर्देश को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने जारी किया है.

बीते कुछ महीने पहले जारी हुई थी अधिसूचना

गौरतलब है कि गृह मंत्रालय द्वारा कुछ महीने पहले जारी अधिसूचना के अनुसार जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा 3 के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए और 26 मार्च, 2018 को गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना को निरस्त करते हुए, भारत सरकार ने घोषणा की है कि भारत की जनसंख्या की जनगणना वर्ष 2027 के दौरान की जाएगी.

जनगणना की संदर्भ तिथि 1 मार्च, 2027 तय किया गया है. हालांकि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के हिमपात प्रभावित गैर-सामयिक क्षेत्रों और हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्यों के लिए जनगणना की संदर्भ तिथि 1 अक्टूबर, 2026 तय की गई है. इस बार जनगणना डिजिटल माध्यम से मोबाइल ऐप के जरिए की जाएगी. जिसमें नागरिकों के लिए स्वयं-गणना की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी. सरकार के द्वारा डेटा संग्रहण, प्रसारण और भंडारण के दौरान डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत कठोर सुरक्षा उपाय किए जाएंगे.

दो चरणों में पूरी होगी जनगणना

जानकारी के अनुसार, इस जनगणना में पहली बार जातिगत गणना भी की जाएगी. इस काम में 34 लाख गणनाकर्मी और पर्यवेक्षक और  लगभग 1.3 लाख जनगणना कर्मचारियों शामिल हो सकते है. जनगणना दो चरणों में पूरी की जाएगी. पहले चरण में हाउस लिस्टिंग ऑपरेशन होगा. जिसमें हर घर की आवासीय स्थिति, संपत्तियों और सुविधाओं की जानकारी एकट्ठा की जाएगी. जबकि दूसरे चरण में जनसंख्या गणना जिसमें प्रत्येक व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य जानकारी जुटाई  जाएगी.