दुर्ग। जिले में साइबर अपराध से जुड़े एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए पुलिस ने 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत संचालित भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) से मिले अलर्ट के आधार पर की गई। जानकारी के अनुसार मोहन नगर थाना क्षेत्र स्थित कर्नाटक बैंक की एक शाखा के 22 बैंक खातों में करीब 11 लाख रुपये साइबर ठगी से जमा किए गए थे।
I4C के समन्वय पोर्टल पर अलर्ट आने के बाद पुलिस को पता चला कि इन खातों में जमा धनराशि देशभर में अलग-अलग ऑनलाइन साइबर अपराधों के जरिए ठगी कर प्राप्त की गई है। खाताधारकों ने इस धन का उपयोग न सिर्फ व्यक्तिगत खर्च के लिए किया, बल्कि इसे कई जगह ट्रांसफर भी किया। पुलिस ने बैंक ट्रांजैक्शन हिस्ट्री और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर खातों को चिह्नित किया और खाताधारकों की पहचान शुरू की।
जांच में पुष्टि हुई कि इन खातों का उपयोग ठगी की रकम के लिए किया गया है, जिसके बाद मोहन नगर थाने में मामला दर्ज कर लिया गया। इसके बाद पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर दबिश देकर कुल 16 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया।
पुलिस के अनुसार कई आरोपी कमीशन के लालच में अपने बैंक खाते साइबर ठगों को उपलब्ध कराते थे, जिन्हें ‘म्यूल अकाउंट’ कहा जाता है। इन खातों के माध्यम से देशभर में हो रही साइबर ठगी की रकम को घुमाया और निकाला जाता था।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम
कलविंदर सिंह (44), बाबादीप सिंह नगर, वैशाली नगर दुर्ग
चौहान जीवन (32), हाउसिंग बोर्ड, कोहका
निधि बघेल (22), सारथी मोहल्ला, दुर्ग
लालकृष्ण साहू (23), आजाद चौक, रामनगर
राहुल यादव (30), राजीव नगर, सुपेला
पंकज चौबे (31), सेक्टर 01, भिलाई
अंकुर सोनी (20), जोन 01, खुर्सीपार
पायल सोनी (22), जोन 01, खुर्सीपार
राज सिंह (27), सेक्टर 11, खुर्सीपार
राहुल कुमार जयसेल (36), बापू नगर, खुर्सीपार
उज्ज्वल सिंह (26), सेक्टर 11, जोन 01
पंकज टंडन (21), कुंदरा पारा, पद्मनाभपुर
हेमंत दलाई (20), केम्प 01, शांति पारा
रामअवतार यदु (26), कंडरापारा, दुर्ग
मुकुंद सेन (58), स्टेशन मरोदा, नेवई
राम दुबे (22), कंडरापारा, दुर्ग
पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य कड़ियों की तलाश में है और साइबर रैकेट के पूरे संचालन तंत्र की जांच जारी है।







