हजारीबाग में झारखंड SIR विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के एक बयान ने राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी। जामताड़ा में एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने कहा था कि यदि कोई बीएलओ वोटर सूची में नाम हटाने आता है, तो उसे घर में बंद कर देना चाहिए। इस बयान पर बीजेपी ने गंभीर प्रतिक्रिया दी और इसे वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा बताया।
बीजेपी सांसद मनीष जायसवाल ने कहा, “वे लाल किताब लेकर चलते हैं जिसे संविधान कहते हैं। लेकिन संविधान में कितने पन्ने हैं, इसे जनता के साथ-साथ उन्हें भी पता नहीं। मंत्री केवल वोट बैंक को खुश करने के लिए बयान दे रहे हैं।” हजारीबाग सांसद ने भी कहा कि अंसारी अपने ‘बांग्लादेशी वोटर’ हित में बयानबाजी कर रहे हैं।
बरकट्ठा विधानसभा से विधायक अमित यादव ने कहा कि मंत्री का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है और उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए। वहीं बरही विधायक मनोज यादव ने SIR की प्रक्रिया की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यह फर्जी वोट और ‘वोट चोरी’ को रोकने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा, “जब शरीर में इंफेक्शन होता है तो इंजेक्शन की जरूरत होती है, SIR वही इंजेक्शन है।”
स्थानीय नागरिक हरीश श्रीवास्तव ने कहा कि राजनीति की बजाय बीएलओ का स्वागत सम्मान के साथ करना चाहिए और उन्हें पूरी जानकारी साझा करनी चाहिए, क्योंकि यह देश हित में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मंत्री इरफान अंसारी ने विवाद बढ़ने के बाद सफाई दी और कहा कि उनका बयान फर्जी बीएलओ को लेकर था, जिसे गलत तरीके से पेश किया गया।





