जयपुर | राजस्थान में एक बड़ा विवाद उस समय खड़ा हो गया, जब राज्य के शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 6 दिसंबर, यानी बाबरी मस्जिद विध्वंस की तिथि को शौर्य दिवस के रूप में मनाने का निर्देश जारी किया था. यह आदेश शिक्षा मंत्री और पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर जारी हुआ था. हालांकि विवाद बढ़ने और कई सवाल उठने के बाद इसे 12 घंटों के अंदर वापस ले लिया गया |
शिक्षा विभाग ने जारी की अधिसूचना
शिक्षा विभाग ने जो अधिसूचना जारी की थी, उसमें कहा गया था कि स्कूलों में शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं ताकि छात्रों में देशभक्ति, राष्ट्रवाद, साहस और सांस्कृतिक गौरव की भावना को बढ़ावा दिया जा सके | इसमें राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़ी प्रदर्शनी, प्रतियोगिताएं, निबंध लेखन, चित्रकला, नाटक, लोक नृत्य और राम मंदिर पर आधारित गतिविधियां शामिल थीं. यहां तक कि स्कूलों में सूर्य नमस्कार, योग गतिविधियां, भगवान राम की आरती और शौर्य मार्च निकालने के निर्देश भी दिए गए थे |
12 घंटे बाद मदन दिलावर ने वापस लिया आदेश
लेकिन अधिसूचना जारी होने के करीब 12 घंटे बाद, रविवार सुबह मंत्री मदन दिलावर ने यह आदेश वापस ले लिया. उन्होंने कहा कि राजस्थान के सभी स्कूलों में इस समय परीक्षाएं चल रही हैं और 5 एवं 6 दिसंबर को भी परीक्षा निर्धारित है. ऐसे में स्कूलों में किसी भी प्रकार का आयोजन करना संभव नहीं होगा. इसलिए फिलहाल शौर्य दिवस मनाने का निर्देश स्थगित किया जा रहा है |
इस आदेश के सामने आते ही सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में काफी विवाद शुरू हो गया था | कई लोगों का कहना था कि बाबरी मस्जिद विध्वंस एक संवेदनशील मुद्दा है, जिसे स्कूलों में मनाना सही नहीं है. वहीं कुछ लोग इसे राजनीतिक एजेंडा करार दे रहे थे. यही वजह रही कि कुछ घंटों में ही सरकार को अपने फैसले पर पीछे हटना पड़ा |
भगवान राम भारतीय संस्कृति के प्रतीक- मदन दिलावर
मदन दिलावर ने अपनी बात में यह भी कहा कि भगवान राम भारतीय संस्कृति के प्रतीक हैं और राम मंदिर आंदोलन राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है. उनका कहना था कि बच्चों को इस आंदोलन के बारे में जानकारी मिलेगी तो उनमें देशभक्ति की भावना विकसित होगी. इसी वजह से उन्होंने गतिविधियां कराने का निर्देश दिया था |
गौर करने की बात यह है कि मदन दिलावर पहले भी कई बार अपने बयानों और फैसलों की वजह से विवादों में रहे हैं | इससे पहले उन्होंने सभी स्कूलों, जिसमें मदरसों को भी शामिल किया था, वंदे मातरम गाने का आदेश दिया था. इसके अलावा उन्होंने मुगल सम्राट अकबर को अत्याचारी शासक भी कहा था |









