यूपी के रामपुर में विदेश में रह रहे दो लोगों के खिलाफ SIR फार्म भरने पर मुकदमा

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उत्तर प्रदेश के रामपुर में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के दौरान एक गंभीर मामला सामने आया है. निर्वाचन प्रक्रिया में गलत सूचना देने और मतदाता गणना प्रपत्र में गलत तरीके से जानकारी दर्ज कराने के मामले में दो व्यक्तियों और उनकी बहन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. यह कार्रवाई निर्वाचन नियमों के उल्लंघन के तहत की गई है |

दरअसल, भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार इस समय पूरे राज्य में SIR की प्रक्रिया चल रही है. इसी क्रम में रामपुर विधानसभा क्षेत्र-37 के भाग संख्या-248 में बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं से गणना प्रपत्र ले रहे हैं और उन्हें डिजिटाइज कर रहे हैं. इसी प्रक्रिया के दौरान दो ऐसे गणना प्रपत्र मिले, जिनमें दी गई जानकारी पर संदेह हुआ |

बहन ने विदेश में रह रहे भाईयों का भरा गणना प्रपत्र

जिला निर्वाचन अधिकारी अजय द्विवेदी के अनुसार, मतदाता क्रमांक 645 पर दर्ज नाम आमिर, जो वर्तमान में दुबई में रहते हैं और मतदाता क्रमांक 648 पर दर्ज नाम दानिश, जो कुवैत में निवासरत हैं. इन दोनों के नाम से गणना प्रपत्र भरे पाए गए. जांच में जब गहराई से पड़ताल की गई तो यह सामने आया कि दोनों व्यक्तियों की बहन ने उनके विदेश में रहने के बावजूद स्थानीय पता अंकित करके फॉर्म भर दिए थे |

निर्वाचन प्रक्रिया को गुमराह करना अपराध

अधिकारी ने बताया कि तथ्य छिपाकर, गलत जानकारी देकर और निर्वाचन प्रक्रिया को गुमराह करने का यह प्रयास गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है. चुनाव आयोग के नियम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति विदेश में रहता है या किसी अन्य स्थान पर निवास करता है, तो वह केवल अपने वास्तविक और पंजीकृत पते से ही गणना प्रपत्र भर सकता है. किसी अन्य स्थान से फॉर्म भरना या झूठी जानकारी देना कानूनन दंडनीय है |

मामले को संज्ञान में लेकर दर्ज कराई जा रही प्राथमिकी

इस मामले में सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी की ओर से संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है. प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई होना अनिवार्य है |

मतदाता सटीकता से दे अपनी पूरी जानकारी- प्रशासन

जिला प्रशासन ने सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे अपनी जानकारी पूरी सटीकता, सत्यता और अद्यतन तथ्यों के साथ ही उपलब्ध कराएं. किसी भी प्रकार की गलत सूचना या दोहरी प्रविष्टि न केवल मतदान सूची की शुचिता को प्रभावित करती है, बल्कि इसके कारण कानूनी कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है |

रामपुर का यह मामला बताता है कि निर्वाचन आयोग मतदाता सूची को शुद्ध और पारदर्शी बनाए रखने को लेकर पूरी तरह सख्त है और किसी भी तरह की अनियमितता पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है |