कब तक बनेगा वाराणसी रोप-वे? जाम खत्म, यात्रा होगी सिर्फ 16 मिनट में

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वाराणसी | वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं के लिए देश का पहला अर्बन रोप-वे बन रहा है | इससे वाराणसी रेलवे स्टेशन, कैंट से मंदिर का दूरी महज 16 मिनट में पूरी हो जाएगी, जहां अभी श्रद्धालुओं को भीड़भाड़ और जाम जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन आने वाले समय यह समस्या न के बराबर रह जाएगी | शहर के खूबसूरत नजरों को देखते हुए कोई भी स्टेशन से मंदिर और मंदिर से स्टेशन पहुंच सकेगा |

इन दिनों वाराणसी रेलवे स्टेशन, कैंट से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक किसी चुनौती से कम नहीं है. इस दौरान सड़कों पर लंबा जाम और भारी भीड़ देखने को मिलती है, जहां लगभग 4 किलोमीटर का सफर करने में आधे घंटे से ज्यादा का समय लगता है |वाराणसी की संकरी गलियां और घनी आबादी के चलते यहां फ्लाईओवर या फिर मेट्रो बनाना संभव नहीं है. इसी के चलते यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत देश का पहला अर्बन रोप-वे को बनाने बनाया जा रहा है |

800 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा रोप-वे

इसे ही सबसे बेहतर और सुरक्षित विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. रोप-वे की आधारशिला 24 मार्च 2023 को रखी गई थी, जिसकी शुरुआती लागत 645 करोड़ रुपए आंकी गई थी, जो कि समस्या के साथ बढ़ती चल गई. अब इसकी लागत 800 करोड़ तक पहुंच गई है. मई 2026 इसे आम लोगों के लिए खोला जा सकता है |काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने से पहले रोजाना सिर्फ 5 हजार श्रद्धालु ही दर्शन को आते थे, लेकिन कॉरिडोर बनने के बाद यह संख्या 2 लाख के पार पहुंच गई है |

एक साथ बैठ सकेंगे 10 लोग

श्रद्धालु को बेहतर यातायात व्यवस्था देने के लिए ही मुख्य रूप से रोप-वे का निर्माण हो रहा है. रोप-वे के केबिन में एक साथ 10 लोग बैठ सकेंगे. करीब 148 रोप-वे चलेंगे, जिससे श्रद्धालु को अपनी बारी के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा | रोप-वे के शुरू होने के बाद श्रद्धालु सीधे ट्रेन से उतरकर केबिन में बैठकर मंदिर तक पहुंच जाएंगे, इस बीच जाम और भीड़भाड़ परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा |

16 मिनट में पूरा होगा सफर

यह दूरी महज 16 मिनट में पूरी हो जाएगी, जो कि अपने आप में बड़ी बात है. यह सफर न सिर्फ आसान होगा, बल्कि बहुत खूबसूरत भी होगा | श्रद्धालु शहर का बहुत ही खूबसूरत नजारा देखते ही मंदिर तक पहुंचेंगे |