* एसआईआर में 74 लाख मतदाता संदिग्ध, लोकतंत्र बचाने ‘वोट चोर, गादी छोड़’ महाअभियान को देशव्यापी समर्थन
* लोकतंत्र बचाने उठी कांग्रेस की निर्णायक हुंकार, 14 दिसंबर को दिल्ली में ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ महारैली
अहमदाबाद | गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अमित चावड़ा ने राजीव गांधी भवन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि देश के संविधान ने प्रत्येक नागरिक को ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ का अधिकार दिया है। यह केवल मतदान का अधिकार नहीं, बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा की जिम्मेदारी भी है। कई वर्षों से चुनाव आयोग की निष्पक्षता, तटस्थता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठते रहे हैं। अनेक प्रमाण सामने आने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
राहुल गांधी ने देशभर में चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी शंकाओं को प्रमाणों के साथ उजागर किया और वोट चोरी के नेक्सस का भंडाफोड़ किया, जो लोकतंत्र के लिए ऐतिहासिक क्षण है। 7 अगस्त 2025 की अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कर्नाटक में हुई वोट चोरी के तथ्य पेश किए, लेकिन चुनाव आयोग मौन रहा। दूसरी ओर सरकार और भाजपा नेता गलत आरोपों से लोगों को भ्रमित करने की कोशिश करते रहे।
5 नवंबर 2025 की दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरियाणा की मतदाता सूची में एक विदेशी अभिनेत्री की तस्वीर के साथ 22 बार नाम दर्ज होने तथा हजारों फर्जी मतदाताओं का खुलासा हुआ-यह पूरे देश में ‘हाइड्रोजन बम’ जैसा साबित हुआ, फिर भी चुनाव आयोग ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
गुजरात में भी वोट चोरी को लेकर प्रदेश कांग्रेस समिति ने गंभीर कार्य किया। नवसारी लोकसभा (जहाँ से चुने गए सी.आर. पाटिल आज केंद्र में मंत्री हैं) की चोर्यास़ी विधानसभा क्षेत्र में 40% मतदाताओं की जांच में 12% मतदाता फर्जी या संदिग्ध पाए गए। इसी औसत से पूरे राज्य में 60 लाख से अधिक फर्जी मतदाता होने की 30 अगस्त 2025 की हमारी रिपोर्ट को भाजपा और चुनाव आयोग लगातार नकारते रहे।
लेकिन अब स्वयं चुनाव आयोग ने स्वीकार किया है कि एसआईआर प्रक्रिया में कुल 5,08,43,436 मतदाताओं में से 14.61% यानी 74 लाख से अधिक मतदाता मृत, अनुपस्थित, डुप्लिकेट या स्थानांतरित हैं। इससे हमारे आरोप सिद्ध होते हैं कि 2002 से अब तक गुजरात में भाजपा की हर जीत में लगभग 14% वोट चोरी शामिल रही है।
एसआईआर प्रक्रिया में तैयारी के अभाव, बीएलओ पर राजनीतिक दबाव और मानसिक तनाव के कारण राज्य में 9 बीएलओ की दुखद मौतें हुईं। इसके बावजूद चुनाव आयोग अपनी गलतियों को छिपाने में जुटा है। वहीं विदेश में रहने वाले या नागरिकता बदल चुके कई लोगों के नाम मतदाता सूची में यथावत हैं-जिनके फॉर्म किसी और द्वारा जमा कराए जाने के भी प्रमाण मौजूद हैं। डुप्लिकेट वोटरों की सूची अभी भी सार्वजनिक नहीं की गई है।
देश की संसद में भी चुनाव आयोग की पारदर्शिता और कानूनी सुरक्षा पर गंभीर चर्चा हुई, परंतु सरकार कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सकी। जनता पूछ रही है कि आखिर मुख्य न्यायाधीश को चुनाव आयुक्त चयन समिति से क्यों हटाया गया? चुनाव आयोग को अत्यधिक कानूनी सुरक्षा क्यों दी गई? सीसीटीवी फुटेज 45 दिनों में क्यों डिलीट किए जाते हैं? ये आज के सबसे बड़े राजनीतिक और लोकतांत्रिक प्रश्न हैं।
वोट चोरी के इस नेक्सस के खिलाफ पूरे देश में एक ही नारा गूंज रहा है-“वोट चोर, गद्दी छोड़।” इस लोकआंदोलन को और मजबूत करने के लिए कांग्रेस द्वारा शुरू किए गए “वोट चोर, गद्दी छोड़” हस्ताक्षर अभियान को देशभर में व्यापक समर्थन मिला है। केवल गुजरात से ही 10 लाख से अधिक लोगों ने लोकतंत्र बचाने की मांग में इस अभियान को समर्थन दिया है। देशभर से करोड़ों हस्ताक्षर एकत्र हुए हैं, जिन्हें 14 दिसंबर को दिल्ली में आयोजित ऐतिहासिक “वोट चोर, गद्दी छोड़” महारैली में चुनाव आयोग को सौंपा जाएगा।
दिल्ली के रामलीला मैदान में 14 दिसंबर, रविवार को दोपहर 1 बजे होने वाली इस महारैली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, देशभर में वोट चोरी का भंडाफोड़ करने वाले राहुल गांधी, संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल तथा सभी वरिष्ठ नेता उपस्थित रहेंगे। गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति सभी से अपील करती है कि लोकतंत्र बचाने, वोट के संवैधानिक अधिकार की रक्षा करने और वोट चोरी के इस गठजोड़ के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए 14 दिसंबर को बड़ी संख्या में दिल्ली पहुंचे और इस संकल्प को समर्थन दें कि वोट चोरों को उजागर कर लोकतंत्र की रक्षा की जाएगी।









