राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में हुए बवाल की खबर देशभर में छाई रही। अपडेट के मुताबिक, ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड की फैक्टरी के खिलाफ किसानों और स्थानीय लोगों का विरोध जारी है। पुलिस ने इस मामले में 107 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। 40 लोग हिरासत में लिए जा चुके हैं। महिलाओं ने पुलिस पर गोली चलाने का आरोप लगाया उन्होंने गुरुद्वारे सिंह सभा में गोलियों के खोल भी दिखाए।
डर के कारण कई लोग अपने घरों में ताले लगाकर रिश्तेदारों के पास चले गए हैं। कुछ लोग गुरुद्वारा सिंह सभा में शरण ले रहे हैं। गुरुवार को किसानों से हुई दो दौर की वार्ता सफल नहीं रही। एडीजी वीके सिंह ने कहा कि 10 दिसंबर को स्थिति शांत थी, लेकिन बाहरी लोगों ने उपद्रव भड़काया।
किसान नेता का बयान
अखिल भारतीय किसान सभा के जिला महासचिव मंगेज चौधरी ने कहा कि पुलिस के हथियार जंग लगे थे, वरना सैकड़ों लोगों की जान खतरे में पड़ सकती थी। उन्होंने 17 दिसंबर को किसान कलेक्ट्रेट का घेराव करने की बात कही। सादुलशहर भाजपा विधायक गुरवीर सिंह बराड़ भी गुरुवार देर शाम किसानों से बातचीत करने टिब्बी पहुंचे। जोगाराम पटेल ने कहा कि यह पूरी घटना प्रायोजित थी और आंदोलन नहीं था। राजस्थान के बाहर से आए करीब 1000 लोगों ने फैक्टरी में हिंसा की। उन्होंने लोगों से कानून को हाथ में न लेने की अपील की। उन्होंने कहा- 17 दिसंबर को किसान कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे।
10 दिसंबर का घटनाक्रम
बुधवार (10 दिसंबर) को राठीखेड़ा गांव में निर्माणाधीन फैक्ट्री की दीवार तोड़ दी गई और अंदर आग लगा दी गई। इसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच पत्थरबाजी हुई। इस दौरान कांग्रेस विधायक समेत 70 से ज्यादा लोग घायल हुए। कुछ घायल रातभर गुरुद्वारे में रुके।
स्थिति अभी भी तनावपूर्ण
टिब्बी क्षेत्र में इंटरनेट बंद है। फैक्टरी के आसपास रहने वाले लगभग 30 परिवार घर छोड़कर चले गए। इधर आंदोलन में शामिल महिलाओं ने पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाया है। आंदोलनकारी परमजीत कौर ने बताया कि धरनास्थल से लौटते समय पुलिसकर्मियों ने उन्हें बाल पकड़कर खींचा और पीटा। उनका कहना है कि उनके साथ बहुत ज्यादती हुई।







