नशे ने छीन ली जिंदगी की दिशा, पीयूष मिश्रा ने खुद सुनाई संघर्ष की कहानी

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बॉलीवुड के मल्टी टैलेंटेड स्टार पीयूष मिश्रा ने हाल ही में अपनी जिंदगी के सबसे कठिन दौर के बारे में खुलकर बातचीत की है. फिल्मी दुनिया में पीयूष मिश्रा का सफर काफी शानदार रहा है, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब उन्हें अपनी बुरी आदतों की वजह से काफी परेशानियां उठानी पड़ी थी. एक्टर ने शराब की लत से अपनी लड़ाई, उससे होने वाले नुकसान के बारे में बात की है. उन्होंने अपनी आत्मकथा तुम्हारी औकात क्या है में अपने इन एक्सपीरियंस को किस तरह लिखा है, यह सब बेहद ईमानदारी से साझा किया है |

पीयूष मिश्रा ने बताया कि उन्होंने लगभग दो दशक तक शराब की लत के साथ जूझा. ये समस्या उनपर 1980 के दशक में हावी हो गई थी और कई सालों तक इससे छुटकारा नहीं मिल पाया. एक्टर ने इस बात को माना कि शराब ने उनकी क्रिएटिविटी को नुकसान पहुंचाया है और वो आज इसका सबसे बड़ा पछतावा मानते हैं. उन्होंने कहा कि अगर शुरुआत में ही उन्होंने शराब पर कंट्रोल रखा होता, तो शायद उनका जीवन और करियर आज और ऊंचाइयों पर होता |

जीवन की सबसे बड़ी गलती

उन्होंने मीडिया आउटलेट से बात करते हुए ये भी माना कि शराब सिर्फ एक आदत नहीं थी, बल्कि उसने उनकी सोच और काम करने की क्षमता को भी प्रभावित किया. पीयूष ने कहा कि नशा क्रिएटिविटी को मार देता है और ये उनके जीवन की सबसे बड़ी गलती थी. पीयूष मिश्रा ने ये भी साझा किया कि उन्होंने किस तरह से अपनी पत्नी से अपने गलत व्यवहार के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि इस सच को बताना उनके लिए मुश्किल नहीं था, बल्कि इससे उन्हें अंदर से सुकून मिला |

पत्नी से सच्चाई बताना

पीयूष मिश्रा ने बताया कि जब उन्होंने अपनी पत्नी से सारी बातें शेयर की तो उनकी पत्नी ने उनकी बात को समझा और कहा कि साथी होने के नाते दोनों ने गलतियां की हैं, लेकिन अब आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि सच बताने के बाद उन्होंने खुद को मुक्त महसूस किया और अब जीवन में आगे बढ़ने का निर्णय लिया. ये मानना कि सच बोलने से उनके अंदर का गिल्ट हट गया, उनके लिए एक बड़ा मोड़ साबित हुआ और उनकी जिंदगी में काफी बदलाव आए |

आत्मकथा में जीवन की सच्चाई

पीयूष मिश्रा ने अपनी आत्मकथा तुम्हारी औकात क्या है में अपने जीवन के बेहद निजी पहलुओं को शामिल किया है. इसमें उन्होंने अपने बचपन से लेकर बड़े होने तक के एक्सपीरियंस, शराब की लत, प्रेम संबंधों और कठिनाइयों को बिना किसी हिचकिचाहट के लिखा है. उन्होंने कहा कि वह अपनी जिंदगी की सही सच्चाई को छिपाना नहीं चाहते थे और इसी वजह से सब कुछ ईमानदारी से किताब में शामिल किया. उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने किताब में अपने जीवन में आए सभी लोगों के नाम बदल दिए हैं, ताकि किसी की पहचान को ठेस न पहुंचे |