कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर (Humayun Kabir) पश्चिम बंगाल (West Bengal) के मुर्शिदाबाद जिले (Murshidabad district ) में बाबरी मस्जिद का निर्माण करवा रहे हैं। इसके लिए पिछले दिनों मस्जिद की नींव भी रखी गई, जिस कार्यक्रम में सऊदी अरब से मौलवी बुलाए गए। अब कबीर का कहना है कि तीन साल के भीतर यह मस्जिद बनकर तैयार हो जाएगी और कोई भी राजनैतिक ताकत इसे रोक नहीं सकती। कबीर ने बताया कि इसका निर्माण कार्य अगले साल की शुरुआत में फरवरी से शुरू हो जाएगा।
हुमायूं कबीर ने कहा, ”यह अयोध्या नहीं है, मुर्शिदाबाद है। मेरा चैलेंज है। कोई भी यहां आकर बाबरी मस्जिद को हाथ नहीं सकता है।” दरअसल, छह दिसंबर 1992 में यूपी के अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ था, जिसकी वजह से कबीर ने भी बंगाल में बाबरी मस्जिद की नींव रखी। चंद दिनों में कबीर को इसके लिए करोड़ों का चंदा भी मिल चुका है।
उन्होंने कहा, “मैंने यह फैसला 1992 में लिया था जब बाबरी मस्जिद गिराई गई थी। लेकिन जब 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने जमीन राम मंदिर को दी, बाबरी मस्जिद को नहीं, तो मैंने पक्का इरादा कर लिया कि अब बाबरी मस्जिद मुर्शिदाबाद में बनेगी। मेरा बाबर से कोई लेना-देना नहीं है। मैंने इसका नाम बाबरी मस्जिद इसलिए रखा क्योंकि लोगों को आज भी दर्द होता है। अगर चुनाव के दौरान ‘जय श्री राम’ बोलना सही है, तो ‘अल्लाह हू अकबर’ बोलना भी सही है।”
कबीर ने आगे बताया कि मस्जिद निर्माण के लिए दो करोड़ रुपये मिल चुके हैं और यह पैसा हमारे घर में रखा हुआ है। हमने 25 बीघा जमीन ले ली है और कागज़ी कार्रवाई चल रही है। फरवरी में तैयारियां शुरू हो जाएंगी और मस्जिद तीन साल में पूरी हो जाएगी। यहां हर हफ़्ते शुक्रवार की नमाज़ पढ़ी जाएगी और लाखों ईंटें पहले ही आ चुकी हैं।”
इससे पहले पिछले हफ्ते मुर्शिदाबाद जिले में प्रस्तावित बाबरी मस्जिद के स्थल पर सैकड़ों लोगों ने शुक्रवार की नमाज अदा की थी। सुबह से ही आसपास के गांवों से लोग निर्माण स्थल की ओर जाने वाले खेतों में आने लगे। जैसे-जैसे नमाज का समय नजदीक आया, आयोजकों ने लाउडस्पीकर के जरिए बढ़ती भीड़ को निर्देशित किया। नमाजियों की लंबी कतारें खेतों से होते हुए जाती दिखाई दे रही थीं।









